जुलाई, 1940 ई० में कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार को द्वितीय विश्व युद्ध में सहयोग देने की बात उठाई किन्तु शर्त यह थी कि सरकार भारत की स्वाधीनता की स्पष्ट घोषणा करे । इस पर वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने 8 अगस्त, 1940 को ‘अगस्त प्रस्ताव’ (August Offer) प्रस्तुत किया।
कांग्रेस ने अगस्त प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि एक तो इस प्रस्ताव में भारत को औपनिवेशिक राज्य (Dominion Status) घोषित करने की कोई तारीख नहीं थी, दूसरे इस प्रस्ताव में मुसलमानों को वीटो पावर दिया गया था।
अतएव 15 अगस्त, 1940 ई० को बंबई में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में गांधीजी में व्यक्तिगत सत्याग्रह संबंधी प्रस्ताव पारित किया।
गांधीजी ने सामूहिक आंदोलन के स्थान पर व्यक्तिगत आंदोलन चलाने का निर्णय लिया क्योंकि वे ब्रिटिश सरकार को किसी गहरे संकट में नहीं डालना चाहते थे। विनोबा भावे और जवाहर लाल नेहरू कमशः प्रथम और द्वितीय सत्याग्रही के रूप में चुने गए।