Chhattisgarh History CG Me Savinay Avagya Andolan GK in Hindi
राष्ट्रीय स्तर पर महात्मा गांधी द्वारा यह आंदोलन प्रारंभ किया गया जिस के समर्थन में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलन हुए। छत्तीसगढ़ में भी सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रभाव पड़ा इसी क्रम में यहां भी नमक कानून तोड़ा गया।
रायपुर में आंदोलन
छत्तीसगढ़ में रायपुर से इस आंदोलन की शुरुआत हुई, पं. रविशंकर शुक्ल ने प्रतीकात्मक रूप से नमक बनाकर नमक कानून तोड़ा। पं. रविशंकर शुक्ल के ठाकुर प्यारेलाल सिंह, महंत लक्ष्मीनारायण दास, द्वारिका प्रसाद मिश्र शामिल थे।
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बिलासपुर में आंदोलन
- वासुदेव देवरस ने वानर सेना का गठन किया।
- दिवाकर कार्लीकर के नेतृत्व में शराब दुकान के सामने धरना दिया गया।
- ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर, क्रांति कुमार भारतीय अन्य नेता शामिल।
धमतरी
- नारायण राव मेघावाले, पं. सुंदरलाल शर्मा तथा नत्थूजी जगताप के नेतृत्व में नमक कानून तोड़ा गया।
- 1 मई 1930 को नत्थूजी जगताप द्वारा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की गयी।
दुर्ग
नरसिंह प्रसाद अग्रवाल, वाई.वी. तामस्कर, रत्नाकर झा, रामप्रसाद देशमुख चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय, गणेश प्रसाद सिंगरौल आदि द्वारा विद्यार्थी कांग्रेस की स्थापना।
मुंगेली
- रामगोपाल तिवारी, गजाधर साव, कालीचरण शुक्ला
- इस आंदोलन में मुंगेली क्षेत्र के सतनामियों ने भी अपना योगदान दिया।
महिलाओं की भागीदारी
से श्रीमती राधा बाई, मनटोरा बाई, भुटकी बाई, कोजा बाई, फुटेनिया बाई आदि की भागीदारी
CG वानर सेना का गठन
रायपुर में यति यतनलाल द्वारा वानर सेना का गठन किया गया, इसका नेतृत्व बलिराम दुबे आजाद द्वारा किया गया। इनका कार्यक्षेत्र रायपुर का ब्राह्मणपारा था। इस आंदोलन में बच्चे शामिल होते थे, समूह में रैली निकालते थे तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे।
बिलासपुर – वासुदेव देवरस