छत्तीसगढ़ धान खरीदी योजना 2023 | EXAM GK Quiz

cg dhan kharidi yojana | छत्तीसगढ़ धान खरीदी योजना gk question answer

छत्तीसगढ़ के धान की किस किस्म को सन 2021 में भौगोलिक संकेतक (जी.आई. टैग) प्रदान किया गया है
ans – जीराफूल

Q. छत्तीसगढ़ धान खरीदी योजना पर निबंध लिखे ?

छत्तीसगढ़ में धान का सर्वाधिक उत्पादन किस जिले में होता है?

छत्तीसगढ़ में धान के लिए सर्वोत्तम मिट्टी मानी जाती है ?

लाल-दोमट मिट्टी

देश में सर्वाधिक धान खरीदने वाले राज्य में छत्तीसगढ़ का स्थान दूसरा है प्रथम में पंजाब है

वर्तमान 2022-23 में

  • राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 मेंएक नवम्बर से धान खरीदी महाभियान प्रारम्भ हुआ हैं।
  • राज्योत्सव के साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 01 नवम्बर 2022 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू |
  • धन खरीदी के लिए 31 अक्टूबर 2022 तक किसानो के पंजीयन की प्रक्रिया चली हैं।
  • धान खरीदी का लक्ष्य- खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है।
  • पंजीकृत किसानो की संख्या – इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.72 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है। पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 61 हजार नये किसान)
  • राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं।

धान खरीदी का समर्थन मूल्य

  1. खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा।
  2. किसानो का रकबा : इस वर्ष पंजीकृत किसानों के धान का रकबा बढ़कर 30.44 लाख हेक्टेयर हो गया है।
  3. इस वर्ष समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की अधिकतम सीमा
  4. पिछले वर्ष के अनुसार 15 क्वि. प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है।
  5. आगामी दिवस की धान खरीदी के लिए 51,568 टोकन तथा टोकन तुंहर हाथ एप के जरिये 11,144 टोकन ऑनलाइन जारी किए गए हैं।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ फसलों की उत्पादकता में वृद्धि तथा फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए तथा धान की खेती बदले अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ की मान से 10 हजार सब्सिडी दी जा रही है।
  • बीते तीन सालों में राज्य के किसानों को 16 हजार 415 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी जा चुकी है।
  • वर्ष 2019 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 18.43 लाख किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए के मान से 5627 करोड़ रूपए, वर्ष 2020 में 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2021 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 24 लाख किसानों को तीन किश्तों में 5235 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी जा चुकी है।
  • वित्तीय वर्ष के अंत तक किसानों को चौथी किश्त के रूप में 1745 करोड़ रूपए की सब्सिडी और दी जाएगी।
  • इस प्रकार राज्य के किसानों को कुल 6980 करोड़ रु सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 

वर्ष 2018-19 में 80.38 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया और 20 हजार करोड़ रूपए किसानों के खाते में डाले गए। यह रूपए उस समय प्रचलित मूल्य से 8 हजार करोड़ रूपए अधिक थी । 

वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया। समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राज्य के 19 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 5628 करोड़ रूपए की सीधी मदद आदान सहायता के तौर पर दी गई। 

वर्ष 2020-21 में 20.53 लाख किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 5553 करोड़ रूपए की आदान सहायता दी गई। 

खरीफ वर्ष 2021-22 में राज्य के 22.87 लाख किसानों को लगभग 7000 करोड़ रूपए की आदान सहायता राशि का वितरण किया जा  रहा है । है 

14665 करोड़ की आदान सहायता बीते दो वर्षों में राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत राज्य के किसानों को 14665 करोड़ रूपए की राशि आदान सहायता के रूप में दी जा चुकी है । 

धान खरीदी केन्द्र बढ़े – किसानों की सहूलियत के लिए धान खरीदी केन्द्रों की संख्या 2311 से बढ़ाकर 2484 कर दी गई, जिससे किसानों को धान बेचने में आसानी हो । 

बारदाना सुविधा एवं भुगतान – राज्य में किसानों को धान खरीदी के पहले दिन से ही अपने बारदाने में धान लाने की सुविधा दी गई। किसानों के बारदाने की मूल्य को भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए किया गया। 

अल्पकालीन ऋण में लगातार बढ़ोत्तरी – अल्पकालीन कृषि ऋण लेने वाले किसानों की संख्या तीन सालों के भीतर 3 लाख 40 हजार बढ़ी है। वर्ष 2017-18 में 9.59 किसानों को 3546 करोड़ रूपए, वर्ष 2018-19 में 10 लाख किसानों को 3692 करोड़ रूपए, वर्ष 2019-20 में 11.34 लाख किसानों को 4420 करोड़ रूपए, वर्ष 2020-21 में 12.65 लाख किसानों को 5049 करोड़ रूपए, वर्ष 2021-22 में 13 लाख किसानों को 5458 करोड़ रूपए के कृषि यंत्र प्रदान किए गए। वर्ष 2022-23 में 5800 करोड़ रूपए का लक्ष्य रखा गया है।

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