indian constitution general knowledge in hindi
एक दृष्टि में
- अंगीकृत किया गया :26 नवम्बर, 1949
- लागू किया गया : 26 जनवरी, 1950
- कुल समय लगा :2 वर्ष 11 माह, 18 दिन
- प्रारूप समिति के अध्यक्ष : डॉ. भीमराव अम्बेडकर
- कुल भाग (अध्याय) :22
- कुल अनुच्छेद : 395
- कुल अनुसूचियां : 12
- 31 दिसम्बर, 2010 तक हुए संशोधन : 95 (संविधान 95वां संशोधन अधिनियम, 2009)
संविधान की प्रस्तावना
भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त करने के लिये तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने के लिये, दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, दो हजार छ: विक्रमी को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
भाग-1 संघ और उसका राज्य क्षेत्र (अनुच्छेद 1-4)
- 1. संघ का नाम और राज्यक्षेत्र
- 2. नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
- 2क. (निरसित)
- 3. नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
- 4. पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक विषयों को उपलब्ध करने के लिये अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां
भाग-2 नागरिकता (अनुच्छेद 5-11)
- 5. संविधान के प्रारम्भ पर नागरिकता
- 6. पाकिस्तान से भारत को प्रवजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
- 7. पाकिस्तान को प्रवजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
- 8. भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
- 9. विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना ।
- 10. नागरिकता के अधिकारों का बना रहना।
- 11. संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना
भाग-3 मौलिक अधिकार साधारण
- परिभाषा
- मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियाँ
समता का अधिकार
- विधि के समक्ष समता
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध ।
- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
- अस्पृश्यता का अन्त
- उपाधियों का अन्त
स्वातन्त्र्य-अधिकार
- 19. वाक्-स्वातन्त्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
- 20.अपराधों के लिए दोषसिद्धि के सम्बन्ध में संरक्षण
- 21. प्राण और देहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
- 21क. शिक्षा का अधिकार
- 22. कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
शोषण के विरुद्ध अधिकार
- मानव के दुव्र्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
- कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध
धर्म की स्वतन्त्रता का अधिकार
- अंत:करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
- धार्मिक कार्यों के प्रबन्ध की स्वतन्त्रता
- किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतन्त्रता
- कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतन्त्रता
संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार
- अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण
- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गों का अधिकार
- (निरसित)
कुछ विधियों की यातुति
- 31क, संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपलब्ध करने वाली विधियों की व्यावृति
- 31ख. कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण
- 31ग. कुछ निदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृति
- 31घ, (निरसित)
संविधानिक उपचारों का अधिकार
- 32. इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
- 32क. (निरसित)
- 33. इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति ।
- 34. जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निबंधन
- 35. इस भाग के उपबन्धों के प्रभावी करने के लिए विधान
भाग-4 राज्य की नीति के निदेशक तत्व
- 36. परिभाषा
- 37. इस भाग में अन्तर्विष्ट तत्वों का लागू होना
- 38. राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
- 39. राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व 39क, समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता 40. ग्राम पंचायतों का संगठन
- 41. कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
- 42. काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबन्ध
- 43. कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
- 43क, उद्योगों के प्रबन्ध में कर्मकारों का भाग लेना
- 44.नागरिकों के लिये एक समान सिविल संहिता
- 45. प्रारम्भिक शैशवावस्था की देखरेख छह वर्ष से कम आयु के बालकों की शिक्षा का प्रावधान 46. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ सम्बन्धी हितों की अभिवृद्धि
- 47. पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
- 48. कृषि और पशुपालन का संगठन
- 48क, पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
- 49. राष्ट्रीय महत्त्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
- 50. कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण
- 51. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा की अभिवृद्धि
भाग-4 क
- 51क. मूल कर्तव्य
भाग-5 संघ
अध्याय 1-कार्यपालिका
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
- भारत का राष्ट्रपति
- संघ की कार्यपालिका शक्ति
- राष्ट्रपति का निर्वाचन
- राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति
- राष्ट्रपति की पदावधि
- पुनर्विचार के लिए पात्रता
- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएँ
- राष्ट्रपति के पद के लिए शर्ते
- राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
- राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
- भारत का उपराष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना
- राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन
- उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
- उपराष्ट्रपति की पदावधि
- उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय व आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
- उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन
- राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से सम्बन्धित या संसक्त विषय
- क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दण्डादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति
- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रि-परिषद
- राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिये मंत्रि-परिषद्
- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबन्ध
भारत का महान्यायवादी
- भारत का महान्यायवादी
सरकारी कार्य का संचालन
- भारत सरकार के कार्य का संचालन
- राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य
अध्याय 2-संसद साधारण
- संसद् का गठन
- राज्य सभा की संरचना
- लोक सभा की संरचना
- प्रत्येक जनगणना के पश्चात् पुनः समायोजन
- संसद के सदनों की अवधि
- संसद् की सदस्यता के लिए अर्हता
- संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन
- सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्ट्रपति का अधिकार
- राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण
- सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार
संसद के अधिकारी
- राज्य सभा का सभापति और उपसभापति
- उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति ।
- जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना।
- लोक सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
- अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
- जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
- संसद का सचिवालय
कार्य संचालन
- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्यों की निरर्हताएँ
- स्थानों का रिक्त होना
- सदस्यता के लिए निरर्हताएँ
- सदस्यों की निरर्हताओं से सम्बन्धित प्रश्नों पर विनिश्चय
- अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
संसद और उसके सदस्यों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ
- संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार, आदि
- सदस्यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
- विधेयकों के पुर:स्थापन और पारित किए जाने के सम्बन्ध में उपबन्ध
- कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
- धन विधेयकों के सम्बन्ध में विशेष प्रक्रिया
- ‘धन विधेयक’ की परिभाषा
- विधेयकों पर अनुमति
वित्तीय विषयों के सम्बन्ध में प्रक्रिया
- वार्षिक वित्तीय विवरण
- संसद में प्राक्कलनों के सम्बन्ध में प्रक्रिया
- विनियोग विधेयक
- अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
- लेखानुदान, प्रत्यायनुदान और अपवादानुदान
- वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया
- प्रक्रिया के नियम
- संसद में वित्तीय कार्य सम्बन्धी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
- संसद में प्रयोग की जानी वाली भाषा
- संसद में चर्चा पर निबंधन
- न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय 3-राष्ट्रपति की विधायी शक्तियाँ
- 123. संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति
अध्याय 4. संघ की न्यायपालिका
- 124. उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
- 125. न्यायाधीशों के वेतन आदि
- 126. कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
- 127. तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 128. उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति
- 129. उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
- 127. तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 128. उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति
- 129. उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
- 130. उच्चतम न्यायालय का स्थान
- 131. उच्चतम न्यायालय की आरम्भिक अधिकारिता
- 331क. (निरसित)
- 132. कुछ मामलो में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता
- 133. उच्च न्यायालयों से सिविल विषयों से सम्बन्धित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता ।
- 134. दाण्डिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता
- 134क. उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र
- 135. विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना
- 136. अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत
- 137. निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालय द्वारा पुनर्विलोकन
- 138. उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वृद्धि
- 139. कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना ।
- 139क. कुछ मामलों का अन्तरण
- 140. उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियाँ
- 141. उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना।
- 142. उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
- 143. उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 144. सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य किया जाना
- 144क. (निरसित)
- 145. न्यायालय के नियम आदि
- 146. उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
- 147, निर्वचन
- 148. भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक
- 149. नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियाँ
- 150. संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्रारूप
- 151. संपरीक्षा प्रतिवेदन
भाग-6 राज्य
अध्याय 1-साधारण
- 152. परिभाषा
अध्याय 2-कार्यपालिका राज्यपाल
- राज्यों के राज्यपाल
- राज्य की कार्यपालिका शक्ति
- राज्यपाल की नियुक्ति
- राज्यपाल की पदावधि
- राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएँ
- राज्यपाल के पद के लिए शर्ते
- राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन
- क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दण्डादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति
- राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रि-परिषद
- राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद्
- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबन्ध
राज्य का महाधिवक्ता
- राज्य का महाधिवक्ता
सरकारी कार्य का संचालन
- राज्य की सरकार के कार्य का संचालन
- राज्यपाल को जानकारी देने आदि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
अध्याय 3. राज्य का विधान-मण्डल साधारण
- राज्यों के विधान-मण्डलों का गठन
- राज्यों के विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन
- विधान सभाओं की संरचना
- विधान परिषदों की संरचना
- राज्यों के विधान-मण्डलों की अवधि
- राज्य के विधान-मण्डल की सदस्यता के लिए अर्हता
- राज्य के विधान-मण्डल के सत्र, सत्रावसान और विघटन
- सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार
- राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
- सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
राज्य के विधान-मण्डल के अधिकारी
- विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
- अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
- जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- विधान परिषद् का सभापति और उपसभापति
- सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
- जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते
- राज्य के विधान-मण्डल का सचिवालय
कार्य संचालन
- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्यों की निरर्हताएँ
- स्थानों का रिक्त होना
- सदस्यता के लिए निरर्हताएँ
- सदस्यों की निरर्हताओं से सम्बन्धित प्रश्नों पर विनिश्चय
- अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
राज्यों के विधान मण्डलों और उनके सदस्यों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ
- विधान मण्डलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार, आदि
- सदस्यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
- विधेयकों के पुरःस्थापन और पारित किये जाने के सम्बन्ध में उपबन्ध
- धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद् की शक्तियों पर निर्बधन
- धन विधेयकों के सम्बन्ध में विशेष प्रक्रिया
- धन विधेयकों की परिभाषा
- विधेयकों पर अनुमति
- विचार के लिए आरक्षित विधेयक
वित्तीय विषयों के सम्बन्ध में प्रक्रिया
- वार्षिक वित्तीय विवरण
- विधान मण्डल में प्राक्कलनों के सम्बन्ध में प्रक्रिया
- विनियोग विधेयक
- अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
- लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
- वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबन्ध
साधारणतया प्रक्रिया
- प्रक्रिया के नियम
- राज्य के विधान-मण्डल में वित्तीय कार्य सम्बन्धी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन ।
- विधान मण्डल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
- विधान मण्डल में चर्चा पर निर्बन्धन
- न्यायालयों द्वारा विधान मण्डल की कार्यवाहियों की जाँच न किया जाना
अध्याय 4-राज्यपाल की विधायी शक्ति
- 213. विधान मण्डल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति
अध्याय 5-राज्यों के उच्च न्यायालय
- 214. राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
- 215. उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
- 216. उच्च न्यायालयों का गठन
- 217. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्ते |
- 218. उच्चतम न्यायालय से सम्बन्धित कुछ उपबन्धों का उच्च न्यायालयों को लागू होना
- 219. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- 220. स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात् विधि-व्यवसाय पर निर्बन्धन
- 221. न्यायाधीशों के वेतन आदि
- 222. किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अन्तरण
- 223. कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
- 224. अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 224क. उच्च न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 225. विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता
- 226. कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
- 226क. (निरसित)
- 227. सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
- 228. कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अन्तरण की शक्ति
- 229. उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा उनके व्यय
- 230. उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्य क्षेत्रों पर विस्तार
- 231. दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
- 232.(निरसित)
अध्याय 6-अधीनस्थ न्यायालय
- 233. जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 233क. कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण
- 234. न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती
- 235. अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
- 236. निर्वचन
- 237. कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबन्धों का लागू होना
भाग-7 पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य
- (निरसित)
भाग- 8 संघ राज्य क्षेत्र
- 239. संघ राज्य क्षेत्रों का प्रशासन
- 239क, कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान मण्डलों या मंत्री परिषदों का या दोनों का सृजन
- 239कक. दिल्ली के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 239कख. सांविधानिक तन्त्र के विफल हो जाने की दशा में उपबन्ध
- 239ख. विधान मण्डल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति । 240. कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 241. संघ राज्य क्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय
- 242. (निरसित)
भाग – 9 पंचायतें
- 243. परिभाषाएँ
- 243क. ग्राम सभा
- 243ख, पंचायतों का गठन
- 243ग, पंचायतों की संरचना
- 243घ, स्थानों का आरक्षण
- 243ड. पंचायतों की अवधि, आदि
- 243च. सदस्यता के लिए निरर्हताएँ
- 243छ, पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
- 243ज. पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियाँ और उनकी निधियाँ
- 243झ. वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
- 243ञ. पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा
- 243ट, पंचायतों के लिए निर्वाचन
- 243ठ. संघ राज्य क्षेत्रो को लागू होना
- 243ड. इस भाग का कतिपय क्षेत्रो को लागू होना
- 243ढ. विद्यमान विधियों और पंचायत का बना रहना
- 243ण. निर्वाचन सम्बन्धी मामलो में न्ययालय के हस्तक्षेप का वर्जन
भाग-9 क नगरपालिकाएँ
- 243त. परिभाषाएँ
- 243थ, नगरपालिकाओं का गठन
- 243द. नगरपालिकाओं की संरचना
- 243ध, वार्ड समितियों आदि का गठन और संरचना
- 243न, स्थानों का आरक्षण
- 243प. नगरपालिकाओं की अवधि, आदि
- 243फ, सदस्यता के लिए निरर्हताएँ
- 243ब, नगरपालिकाओं, आदि की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
- 243भ. नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियाँ
- 243म, वित्त आयोग
- 243य, नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा
- 243यक. नगरपालिकाओं के लिए निर्वाच न
- 243यख, संघ राज्य क्षेत्रों के लिए निर्वाचन
- 243यग, इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
- 243यघ, जिला योजना के लिए समिति
- 243यड़, महानगर योजना के लिए समिति
- 243यच. विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना
- 243यछ, निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन
भाग 10 अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र
- 244. अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन
- 244क. असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मण्डल या मंत्रि परिषद् का या दोनों का सृजन
भाग 11 संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध अध्याय 1- विधायी सम्बन्ध
विधायी शक्तियों का वितरण
- संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मण्डलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार
- संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मण्डलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय-वस्तु |
- कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबन्ध करने की संसद की शक्ति
- अवशिष्ट विधायी शक्तियाँ
- राज्य सूची में के विषय के सम्बन्ध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति
- यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के सम्बन्ध में विधि बनाने की संसद की शक्ति
- संसद द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधानमण्डलों से बनाई विधियों में असंगति
- दो या अधिक राज्यों के लिए सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना
- अन्तर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान
- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मण्डलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
- 255. सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना
अध्याय 2-प्रशासनिक सम्बन्ध
- 256. राज्यों की और संघ की बाध्यता
- 257. कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण
- 257क, निरसित
- 258. कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदत्त करने आदि की संघ की शक्ति
- 258क. संघ को कृत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति
- 259. निरसित
- 260. भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के सम्बन्ध में संघ की अधिकारिता
- 261. सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहिया
जल सम्बन्धी विवाद
- अन्तर्राज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जल सम्बन्धी विवादों का न्याय निर्णयन
राज्यों के बीच समन्वय
- अन्तर्राज्यीय परिषद् के सम्बन्ध में उपबन्ध
भाग-12 वित्त, सम्पत्ति, संविदायें और वाद
अध्याय 1-वित्त
- निर्वचन
- विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना
- भारत और राज्यों की संचित निधियाँ और लोक लेखे
- आकस्मिकता निधि
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण
- संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने वाले किन्तु राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क
- संघ द्वारा उद्गृहीत ओर संगृहीत किन्तु राज्यों को सौंपे जाने वाले कर
- संघ द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत तथा संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जाने वाले कर
- कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार
- (निरसित)
- जूट पर और जूट उत्पादों पर निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान
- ऐसे कराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा
- कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
- वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर
- व्यावृत्ति
- (निरसित)
- ‘शुद्ध आगम’ आदि की गणना
- वित्त आयोग
- वित्त आयोग की सिफारिशें
प्रकीर्ण वित्तीय उपबन्ध
- 282. संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व से किए जाने वाले व्यय
- 283. संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि।
- 284. लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा
- 285. संघ की सम्पत्ति को राज्य के कराधान से छूट
- 286. माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बन्धन
- 287. विद्युत पर करों से छूट
- 288. जल या विद्युत सम्बन्ध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट
- 289. राज्यों की सम्पत्ति और आय को संघ के कराधान से छूट
- 290. कुछ व्ययों और पेंशनों के सम्बन्ध में समायोजन
- 290क. कुछ देवस्वम् निधियों को वार्षिक संदाय
- 291, निरसित)
अध्याय 2-उधार लेना
- भारत सरकार द्वारा उधार लेना
- राज्यों द्वारा उधार लेना
अध्याय 3-सम्पत्ति, संविदाएँ, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएँ और वाद
- 294. कुछ दशाओं में सम्पत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और
- बाध्यताओं का उत्तराधिकार
- 295. अन्य दशाओं में सम्पत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार
- 296. राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोद्भूत सम्पत्ति
- 297. राज्यक्षेत्रीय सागर-खण्ड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आर्थिक क्षेत्र के सम्पत्ति स्रोतों का संघ में
- निहित होना।
- 298. व्यापार करने आदि की शक्ति
- 299. संविदाएँ।
- 300. वाद और कार्यवाहियाँ
अध्याय 4- सम्पत्ति का अधिकार
- 300क. विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को सम्पत्ति से वंचित न किया जाना
भाग 13 भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम
- व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतन्त्रता
- व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बन्धन अधिरोपित करने की संसद की शक्ति
- व्यापार और वाणिज्य के सम्बन्ध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बन्धन
- राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बन्धन
- विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबन्ध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
- (निरसित)
- अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति
भाग 14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ
अध्याय 1-सेवाएँ
- 308. निर्वचन
- 309. संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्ते
- 310. संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि
- 311. संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना यः पंक्ति में अवनत किया जाना।
- 312. अखिल भारतीय सेवाएँ
- 312क, कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहृत करने की संसद की शक्ति
- 313. संक्रमणकालीन उपबन्ध
- 314. (निरसित)
अध्याय 2-लोक सेवा आयोग
- संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
- सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि
- लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलम्बित किया जाना
- आयोग के सदस्यों और कर्मचारीवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति
- आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के सम्बन्ध में प्रतिषेध
- लोक सेवा आयोगों के कृत्य
- लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति
- लोक सेवा आयोगों के व्यय
- लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
भाग-14क अधिकरण
- 323क, प्रशासनिक अधिकरण
- 323ख, अन्य विषयों के लिए अधिकरण
भाग-15 निर्वाचन
- 324. निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना
- 325, धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचकनामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना
- 326. लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्कमताधिकार के आधार पर होना।
- 327. विधान-मण्डलों के लिए निर्वाचनों के सम्बन्ध में उपबन्ध करने की संसद की शक्ति
- 328. किसी राज्य के विधान-मण्डल के लिए निर्वाचनों के सम्बन्ध में उपबन्ध करने की उस विधान-मण्डल की शक्ति
- 329. निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
- 329क, (निरसित) भाग
भाग-16 कुछ वर्गों के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 330. लोकसभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
- 331. लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
- 332. राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
- 333. राज्यों की विधान सभाओं के आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
- 334. स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का साठ वर्ष के पश्चात् न रहना
- 335. सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे
- 336. कुछ सेवाओं में आंग्ल-भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबन्ध
- 337. आंग्ल-भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षणिक अनुदान के लिए विशेष उपबन्ध
- 338. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
- 338क. नये अनुच्छेद
- 338क का अन्तःस्थापन अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग
- 339. अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियन्त्रण
- 340. पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति
- 341. अनुसूचित जातियाँ
- 342. अनुसूचित जनजातियों
भाग-17 राजभाषा
अध्याय-1 संघ की भाषा
- संघ की राजभाषा
- राजभाषा के सम्बन्ध में आयोग और संसद् की समिति
अध्याय 2- प्रादेशिक भाषाएँ
- राज्य की राजभाषा या राजभाषाएँ
- एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्र व्यवहार आदि की राजभाषा
- किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
अध्याय 3 उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों आदि की भाषा
- उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा
- भाषा से सम्बन्धित कुछ विधियाँ अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया
अध्याय-4 विशेष निदेश
- 350. व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा
- 350क. प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएँ
- 350ख. भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी
- 351. हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश
भाग – 18 आपात उपबन्ध
- 352. आपात की उद्घोषणा
- 353. आपात की उद्घोषणा का प्रभाव
- 354. जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण सम्बन्धी उपबन्धों का लागू होना।
- 355. बाह्य आक्रमण और आन्तरिक अशान्ति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य
- 356. राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबन्ध
- 357. अनुच्छेद
- 356 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग
- 358. आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबन्धों का निलम्बन
- 359. आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलम्बन
- 359क. (निरसित)
- 360. वित्तीय आपात के बारे में उपबन्ध
भाग-19 प्रकीर्ण
- 361. राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण
- 361क. संसद और राज्यों के विधान-मण्डलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण
- 361ख. लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता
- 362.(निरसित)
- 363. कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
- 363क. देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी थैलियों का अन्त
- 364. महापत्तनों और विमान क्षेत्रों के बारे में विशेष उपबन्ध
- 365. संघ द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव
- 366. परिभाषाएँ
- 367. निर्वचन
भाग-20 संविधान का संशोधन
- संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया
भाग 21 अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध
- 369. राज्य सूची के कुछ विषयों के सम्बन्ध में विधि बनाने की संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों
- 370. जम्मू-कश्मीर राज्य के सम्बन्ध में अस्थायी उपबन्ध
- 371. महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 371क. नागालैण्ड राज्य के सम्बन्ध में उपबन्ध
- 371ख. असम राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 371ग, मणिपुर राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 371घ, आन्ध्र प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 371ङ आन्ध्र प्रदेश में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
- 371च. सिक्किम राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 371छ. मिजोरम राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 371ज, अरुणाचल प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 371झ. गोवा राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- 372. विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन
- 372क, विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 373. निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के सम्बन्ध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- 374. फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद् हिज मेजेस्टी के समक्ष लम्बित कार्यवाहियों के बारे में उपबन्ध
- 375. संविधान के उपबन्धों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकास्यिों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना
- 376. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबन्ध
- 377. भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के बारे में उपबन्ध
- 378. लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबन्ध
- 378क, आन्ध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबन्ध
- 379-391 (निरसित)
- 392. कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति
भाग 22 संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन
- 393. संक्षिप्त नाम
- 394. प्रारम्भ
- 394क. हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ
- 395. निरसन
अनुसूचियाँ
पहली अनुसूची: 1. राज्य -28 2. संघ राज्यक्षेत्र-7
दूसरी अनुसूचीः भाग क : राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों के बारे में उपबन्ध, भाग ख : (निरसित), भाग ग : लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तथा राज्य सभा के सभापति और उपसभापति के तथा राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तथा विधान परिषद के सभापति और उपसभापति के बारे में। उपबन्ध, भाग घः उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबन्ध, भाग ङः भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के बारे में उपबन्ध,
तीसरी अनुसूची : शपथ या प्रतिज्ञान के प्रारूप
चौथी अनुसूची : राज्य सभा में स्थानों का आवंटन
पाँचवीं अनुसूची: अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उपबन्ध
भाग क : साधारण,
भाग ख : अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों का प्रशासन और नियंत्रण,
भाग ग : अनुसूचित क्षेत्र, भाग घः अनुसूची का संशोधन
छठवीं अनुसूची : असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबन्ध
सातवीं अनुसूची : सूची 1: संघ सूची, सूची 2 : राज्य सूची, सूची 3: समवर्ती सूची
आठवीं अनुसूची : भाषाएँ
नवीं अनुसूची : अनुच्छेद 31ख
दसवीं अनुसूची: दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता के बारे में उपबन्ध
ग्यारहवीं अनुसूची : अनुच्छेद 243छ
बारहवीं अनुसूची : अनुच्छेद 243ब