उद्देश्य – प्रदेश में नरवा कार्यक्रम के सुचारू संचालन अनुश्रवण व नरवा विकास के कार्यों को गति प्रदान करने एवं विभिन्न विभागों के द्वारा किये जा रहे नरवा उपचार के कार्यों में समन्वय स्थापित करना ।
निर्माण – इसके तहत नालों में वर्षा के जल को रोकने लूज बोल्डर चेक, चेक डेम, गली प्लग, कंटूर ट्रेंच, स्टापडेम सहित अन्य संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
संचालन – पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा
मॉनिटरिंग – अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय नरवा मिशन का गठन किया गया है। पंचायत विभाग द्वारा संचालित नरवा कार्यक्रम की समीक्षा व मॉनिटरिंग अपर मुख्य सचिव करेंगे।
वन विभाग द्वारा संचालित नरवा विकास के कार्यक्रमों की समीक्षा व मॉनिटरिंग अपर वन बल प्रमुख द्वारा किया जाएगा ।
लाभ
1. नरवा कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ में सिंचित क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी और अधिकांश जगह कृषि के लिए जल उपलब्ध होगा ।
2. निस्तार के लिए भी पानी की कमी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी।
3. जैव-विविधता का संवर्धन होगा ।
लक्ष्य – नरवा मिशन के तहत 30,000 नालों को रिचार्ज करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में 9541 नरवा के उपचार की स्वीकृति दी गई है।