छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना 2023 | Mahila Supervisor GK

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना कब लागू हुआ ?

छत्तीसगढ़ राज्य में 06 वर्ष से कम आयु के बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं में व्याप्त एनीमिया एक चुनौती है, जिसे जड़ से समाप्त करने का निर्णय लिया गया । छत्तीसगढ़ राज्य में NFHS-4 के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 05 वर्ष से कम आयु वर्ग के लगभग 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण एवं 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 47 प्रतिशत महिलायें एनीमिया से पीड़ित हैं । 

वर्तमान में योजना का प्रमुख उद्देश्य 06 वर्ष आयु तक के बच्चों में कुपोषण एवं एनीमिया, गर्भवती महिलाओं तथा 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करना है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा हैं । 

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान  योजना अंतर्गत 

प्रदेश में योजना प्रारंभ से  माह नवम्बर 2022 की स्थिति में 6 माह से 6 वर्ष आयु वर्ग के 2 लाख 60 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। पोषण आहार के रूप में गरम पका हुआ भोजन, अण्डा, लड्डू, मूंगफली, दलिया आदि प्रदान किया जा रहा है। 

इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एनीमिक बच्चों एवं महिलाओं के आई.एफ. ए. अथवा सिरप, कृमि नाशक दवा एवं व्यवहार तथा खान पान में सकारात्मक परिवर्तन के लिए परामर्श सेवायें दी जा रहीं हैं। इस योजना की मुख्य बात यह है कि योजना का क्रियान्वयन जन सहयोग एवं सहभागिता से किया जा रहा है । इस योजना के क्रियान्वयन में होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति जिला स्तर पर उपलब्ध खनिज न्यास निधि एवं सी. एस. आर. मद तथा जन सहयोग से प्राप्त धनराशि से किया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री सुपोषण निधि का गठन किया गया है। 

पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 02 अक्टूबर 2019 से जन सहयोग एवं जनभागीदारी से प्रारंभ किया गया था जिसे अब मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को नाम से संचालित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में 06 वर्ष से कम आयु के बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं में व्याप्त एनीमिया एक चुनौती है जिसे जड़ से समाप्त करने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य में NFHS – 4 के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 05 वर्ष से कम आयु वर्ग के लगभग 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण एवं 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 47 प्रतिशत * महिलायें एनीमिया से पीड़ित है।

बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर में सकारात्मक सुधार हेतु आदिवासी बाहुल्य दंतेवाड़ा जिले में माननीय * मुख्यमंत्रीजी की मंशानुसार “सुपोषित दंतेवाड़ा अभियान” दिनांक 24 जून 2019 में प्रारंभ किया गया। अभियान की सफलता को देखते हुये प्रदेश के अन्य जिलों में भी गांधीजी के 150 वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2019 अभियान प्रारंभ किया गया है।

मुख्यमंत्री सुपोषण

* अभियान का प्रमुख उद्देश्य 06 वर्ष आयु तक के बच्चे में कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करना है। अभियान के अंतर्गत दिसम्बर 2021 तक प्रदेश के 06 माह से 06 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 2 लाख 67 हजार कुपोषित / ऐनिमिक बच्चों तथा 15 वर्ष से 49 वर्ष आयु वर्ग की लगभग 3 लाख 47 हजार महिलाओं को अतिरिक्त पौष्टिक आहार प्रदान किया जा रहा है।

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