सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 ( पोषण अभियान )
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में कुपोषण के स्तर में कमी लाने के लिए एक वृहत अभियान के रूप में राज्य के सभी जिलों में पोषण अभियान का शुभारंभ किया गया है । वर्तमान में दिनांक 01.08.2022 को भारत सरकार द्वारा पोषण अभियान को नवीन स्वरूप सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 के रूप में लागू किया गया है इसके लक्ष्य एवं घटकों का विवरण निम्नानुसार है :-
पोषण आहार की आवश्यकता मुख्यतः तीन कारणों से होती है
- उर्जा प्राप्त करने के लिए।
- शरीर में वृद्धि, विकास तथा टूटी-फूटी कोशिकाओं के निर्माण के लिए ।
- रोगों से शरीर की रक्षा के लिए। किसी एक खाद्य पदार्थ में ये सारे तत्व नहीं हो सकते। इसलिए भोजन (आहार) में विभिन्न
उद्देश्य एवं लक्ष्य-
- 0 से 6 वर्ष के बच्चों में ठिगनेपन से बचाव एवं इसमें कुल 6 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 2% की दर से कमी लाना ।
- 0 से 6 वर्ष के बच्चों का अल्प पोषण से बचाव एवं इसमें कुल 6 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 2% की दर से कमी लाना ।
- 6 से 59 माह के बच्चों में एनीमिया के प्रसार में कुल 9 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 3% की दर से कमी लाना ।
- 15 से 49 वर्ष की किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं में एनीमिया के प्रसार में कुल 9 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 3% की दर से कमी लाना।
- कम वजन के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में कुल
- प्रतिशत, प्रतिवर्ष 2% की दर से कमी लाना ।
पोषण अभियान के मुख्य बिन्दु
* समुदाय आधारित गतिविधि का आयोजन (CBE) :- समुदाय आधारित गतिविधियों के माध्यम से प्रत्येक माह आंगनबाड़ी में एक विशिष्ट सामुदायिक गतिविधि का आयोजन किया जाता है, जिसमें ग्राम स्तर पर ग्रामवासियों को कुपोषण के संदर्भ में जागरूक करते हुए पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी संदेश दिये जाते हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं के लिए गोदभराई, 06 माह पूर्ण किए बच्चों का अन्नप्राशन, पुरूषों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए पोषण दिवस, शाला पूर्व शिक्षा को प्रोत्साहित किए जाने हेतु अनौपचारिक शिक्षा प्रवेश दिवस एवं जनस्वास्थ्य संबंधी संदेश जैसे – स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि पर जागरूकता हेतु जनस्वास्थ्य दिवस आयोजित किया जाता है ।
* जन आंदोलन :- अभियान को जनआंदोलन का रूप देकर समुदाय की सहभागिता से कुपोषण से सुपोषण की ओर यात्रा का व्यापक स्वरूप देना है । जनआंदोलन अंतर्गत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों का बिन्दुवार विवरण निम्नानुसार है :-
सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) :– इस गतिविधि अंतर्गत प्रिंट मीडिया, टेलीविजन, रेडियो, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से बच्चों, किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं में कुपोषण एवं एनिमिया कमी लाने हेतु व्यवहार परिवर्तन एवं सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए आईईसी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है ।
पोषण माह एवं पोषण पखवाड़ा :- पोषण माह एवं पोषण पखवाड़ा गतिविधि अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों जैसे – एनिमिया कैम्प, सुपोषण रथ के माध्यम से प्रचार- प्रसार, ग्राम पंचायत, नगरीय निकायों की बैठक, पोषण मेला, आयुष विभाग के साथ ऑनलाईन प्रशिक्षण, साईकल रैली, वृक्षारोपण, स्व-सहायता समूह की बैठक, पौष्टिक व्यंजन प्रतियोगिता, गृहभेंट एवं परामर्श, स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताएं, वीएचएसएनडी के माध्यम से जागरूकता, गंभीर कुपोषित बच्चों का प्रबंधन, कृषक समूह की बैठक, नारे लेखन, योग गतिविधियां, युवक समूह
बैठक, पोषण रैली, स्थानीय त्योहारों को जोड़ते हुए गतिविधियां आदि का आयोजन किया जाता है। राज्य में दिनांक 01 से 30 सितम्बर 2022 तक पोषण माह 2022 का आयोजन हुआ । भारत सरकार के जनआंदोलन डैशबोर्ड अनुसार उक्त कार्यक्रम में कुल 7,08,740 गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें कुल 2,25,45,647 प्रतिभागी शामिल हुए ।
* प्रोत्साहन राशि का प्रावधान (Incentive ) :- पोषण अभियान अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किए जाने पर प्रोत्साहन के रूप में प्रतिमाह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राशि रू. 500/- तथा सहायिकाओं को राशि रू.250 / – प्रदान करने का प्रावधान है । * पोषण ट्रेकर एप्प के माध्यम से डाटा संप्रेषण :- इस घटक के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों को मोबाईल के माध्यम से आंगनबाड़ी के समस्त सूचकांकों का प्रेषण व अनुश्रवण की व्यवस्था है। भारत सरकार द्वारा पोषण ट्रैकर एप्प मोबाईल फोन आधारित एप्लीकेशन तैयार किया गया है जो आंगनबाड़ी केन्द्र की रिपोर्टिंग को डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करता है । यह एप आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर संधारित विभिन्न पंजियों के स्थान पर डिजिटल रिकार्ड का काम कर रहा है ।
* विभिन्न विभागों के मध्य अभिसरण (Convergence) :– अंतर्विभागीय अभिसरण का उद्देश्य विभिन्न विभागों के माध्यम से बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती व धात्री महिलाओं में व्याप्त कुपोषण एवं एनिमिया में कमी लाने हेतु अभिसरण गतिविधियां आयोजित करते हुए इस अभियान के माध्यम से कुपोषण एवं एनिमिया दूर करने के लक्ष्य हैं। इस हेतु राज्य, जिला व विकासखण्ड स्तर पर अभिसरण बैठकों का आयोजन किया जा रहा है ।
* पोषण वाटिका – उद्यानिकी, आयुष एवं पंचायत विभाग के साथ अभिसरण करते हुए राज्य में 17376 आंगनबाड़ी केन्द्रों, 3838 शासकीय भवनों, 28741 गांव / शहर के उपयुक्त स्थानों एवं 87160 घरों की बाड़ियों / छतों में पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया गया है ।