महिला पर्यवेक्षक Practice Set 13 2023 विभाग से सम्बंधित प्रश्न उत्तर Mahila Supervisor GK

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महिला सुपरवाइजर GK 2023 : विभाग से सम्बंधित प्रश्न उत्तर Practice Set 13

महिला सुपरवाइजर प्रतियोगी परीक्षा ऑनलाइन प्रैक्टिस सेट

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महिला पर्यवेक्षक 2023 प्रैक्टिस सेट 13 : इस साल सरकार महिला पर्यवेक्षक (महिला सुपरवाइजर) की बम्फर भर्ती कर रहा है | हजारो विद्यार्थी आवेदन कर रहे है तथा परीक्षा की तैयारी करते है , इसके बावजूद सफलता नहीं मिल पाती है | क्योकि वो लोग ऑनलाइन प्रैक्टिस सेट देंते नहीं है देते है तो अच्छे अच्छे प्रश्न नहीं मिल पाते व आपका पैसा व समय बर्बाद होता है | ALLGK.IN में मिलता है बेस्ट पैड (पैसा वाला) नोट्स फ्री में इसलिए इस पोस्ट में आपको महिला पर्यवेक्षक प्रैक्टिस सेट Mahila Supervisor Model Papers और GK नोट्स की जानकारी दी गयी है | Mahila Anganwadi Practice Set Paper 2023  से आप यह जान सकते है कि महिला Supervisor का पेपर कैसे आता है तथा विषय के कितने प्रश्न आते है | आपको बता दे की यह 100- 200 नंबर का आता है | इस पोस्ट में आपको Mahila Supervisor Exam Model Paper 2023 Practice Set 13 दिया गया है |

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महिला बाल विकास पेपर संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर imp gk

101. गर्भवती महिला का गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना चाहिए – 

(A) 10-12 कि.ग्रा. 

(B) 5-8 कि.ग्रा. 

(C) 8-10 कि.ग्रा. 

(D) 15-20 कि.ग्रा. 

102. गर्भवती महिला का रक्तचाप होना चाहिए

(A) 130/90 

(C) 80/40 

(B) 150/120 

(D) 100/50 –

103. घर में प्रसव के समय किन बातों का ध्यान रखें- 

(A) स्वच्छ हाथ 

(B) स्वच्छ परिवेश 

(C) नया ब्लेड एवं धागा 

(D) स्वच्छ नाभी नाल 

(E) उपरोक्त सभी 

104. गर्भावस्था में निम्नलिखित में कौन-सा लक्षण खतरे का है – 

(A) खून का बहना एवं खून की कमी। 

(B) महिला की आयु 18 से कम व 35 से अधिक । 

(C) हाथ, पैर, चेहरे पर सूजन । 

(D) उच्च रक्तचाप । 

(E) उपरोक्त सभी 

105. प्रसव में खतरे का लक्षण है – 

(A) 12 घंटे से अधिक प्रसव पीड़ा । 

(B) अधिक खून बहना । 

(C) प्रसव पीड़ा के बिना ही पानी का थैला फट जाना । 

(D) प्रसव के एक माह पूर्व से तेज बुखार आना । 

(E) शिशु का हाथ या पैर पहले से बाहर निकलना। 

(F) उपरोक्त सभी। 

106. प्रसव के उपरान्त खतरे का लक्षण है 

(A) अधिक खून बहना 

(B) पेशाब में कष्ट होना 

(C) पेट में दर्द 

(D) ठंड लगकर तेज बुखार 

(E) उपरोक्त सभी। 

107. शिशु को जन्म के पश्चात्

(A) गर्भ रखें 

(B) स्नान न करावें

(C) एक घंटे के भीतर स्तनपान करावें 

(D) कोई अन्य तरल अथवा खाद्य पदार्थ न देवें 

(E) उपरोक्त सभी। 

108. जन्म के समय एक सामान्य शिशु का वजन होना चाहिए. 

(A) 2.5 कि.ग्रा. से अधिक 

(B) कम से कम 2 कि.ग्रा. 

(C) कम से कम 11/2 कि.ग्रा. 

(D) 2.5 कि.ग्रा. से कम 

109. 6 माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान करावें, जो कि । – प्रतिदिन कम से कम – 

(A) 8-10 बार 

(C) 15-20 बार 

(B) 4-6 बार 

(D) इनमें से कोई नहीं 

110. माँ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम होता है, क्योंकि 

(A) आवश्यक पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है।

(B) माँ का दूध जंतुरहित व सुरक्षित होता है। 

(C) माँ के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक तापमान रहता है। 

(D) माँ का दूध पचने में आसान होता है। 

(E) उपरोक्त सभी। 

111. स्तनपान जरूरी है, क्योंकि 

(A) कुदरती है 

(B) माँ और बच्चे के बीच प्रगाढ़ स्नेह उत्पन्न होता है 

(C) कुपोषण से रक्षा करती है 

(D) उपरोक्त सभी। 

112. कोलेस्ट्राम क्या है – 

(A) बच्चे के जन्म के बाद तीन दिन तक माता के स्तन से आने वाला पीला गाढ़ा दूध को कोलेस्ट्राम कहते है ।

(B) कोलेस्ट्राम एक बीमारी है। 

(C) कोलेस्ट्राम एक परजीवी का नाम है। 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । । 

113. प्रसव के एक घंटे के भीतर अथवा जितनी जल्दी संभव हो बच्चे को स्तनपान करावें, क्योंकि कोलेस्ट्राम पिलाने से 

(A) बच्चों में प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है। 

(B) इस दूध में प्रोटीन, विटामिन A और C पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती है। 

(C) संक्रामक रोगों से रक्षा करती है। 

(D) उपरोक्त सभी। 

114. छः माह से कम आयु के शिशु को किस अवस्था में स्तनपान के स्थान पर ऊपरी आहार देने की अनुशंसा की जा सकती है 

(A) शिशु के माँ की मृत्यु होने पर 

(B) माँ का गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर

(C) असफल स्तनपान 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं ।

115. असफल स्तनपान की स्थिति में 6 माह की आयु के शिशु को ऊपरी आहार के रूप में दिया जाना उचित है –

(A) गाय का दूध 

(C) दाल का पानी 

(B) भैंस का दूध 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

116. बच्चे की वृद्धि के लिए जरूरी है 

(A) संतुलित आहार 

(B) बच्चे का अरोग्य रहना 

(C) अच्छा पालन-पोषण 

(D) उपरोक्त सभी। 

117. वृद्धि निगरानी आवश्यक है 

(A) कुपोषित बच्चे की पहचान के लिए 

(B) कुपोषित बच्चे का स्तर जानने के लिए 

(C) वृद्धि की दिशा को जानने के लिए 

(D) उपरोक्त सभी। 

118. वृद्धि निगरानी की जाती है 

(A) समस्त 6 वर्ष आयु तक के बच्चों का 

(B) समस्त 5 वर्ष आयु तक के बच्चों का 

(C) केवल 3 वर्ष के कम आयु तक के बच्चों का। 

(D) केवल 1 वर्ष से कम आयु तक के बच्चों का।

19.  वृद्धि निगरानी का उद्देश्य बच्चों में 

(A) कुपोषण की स्तर का पहचान करना। 

(B) बच्चों में वृद्धि की दिशा का आंकलन करना। 

(C) शिशु मृत्यु दर में कमी लाना। 

(D) उपरोक्त सभी। 

120. बच्चे की वृद्धि का सही एवं विश्वसनीय माप है 

(A) वजन में वृद्धि। 

(B) कमर में बंधे सूत का कस जाना। 

(C) कपड़े का तंग होना। 

(D) ऊँचाई में वृद्धि। 

121. बच्चे में जन्म से 6 माह की आयु तक प्रतिमाह वजन बढ़ना चाहिए, लगभग – 

(A) 600-800 ग्राम 

(B) 300-400 ग्राम 

(C) 150-200 ग्राम 

(D) 125 ग्राम प्रतिमाह 

122. बच्चे को 7 से 12 माह की आयु तक वजन बढ़ना चाहिए, लगभग 

(A) 600-800 ग्राम 

(B) 300-400 ग्राम 

(C) 150-200 ग्राम 

(D) 125 ग्राम प्रतिमाह 

123. बच्चे का एक से तीन वर्ष की आयु तक वजन बढ़ना चाहिए, लगभग- 

(A) 600-800 ग्राम 

(B) 300-400 ग्राम 

(C) 150-200 ग्राम 

(D) 125 ग्राम प्रतिमाह 

124. तीन से पाँच वर्ष की आयु तक बच्चे का वजन प्रतिमाह बढ़ना चाहिए. लगभग – 

(A) 600-800 ग्राम 

(B) 300-400 ग्राम 

(C) 150-200 ग्राम 

(D) 125 ग्राम प्रतिमाह 

125. सही वृद्धि निगरानी के लिए आवश्यक है – 

(A) बच्चे का सही उम्र अथवा सही जन्मतिथि 

(B) सही वजन मशीन। 

(C) वृद्धि चार्ट में वजन को सही दर्शाना। 

(D) वृद्धि की दिशा के आधार पर सही निष्कर्ष 

(E) उपरोक्त सभी। 

126. सबसे गंभीर खतरे का लक्षण / संकेत है, 

(A) यदि वृद्धि रेखा सीधी हो रही है। 

(B) यदि वृद्धि रेखा का झुकाव नीचे की ओर है। 

(C) यदि वृद्धि रेखा ऊपर की ओर जा रही है। 

(D) उपरोक्त सभी। 

127. यदि वृद्धि रेखा का झुकाव नीचे की ओर है, इसका आशय है कि- 

(A) बच्चे का वजन स्थिर है। 

(B) बच्चे का उम्र बढ़ रहा है किन्तु वजन घट रहा है। 

(C) बच्चे की उम्र वृद्धि के साथ वजन भी बढ़ रहा है। 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

128. यदि वृद्धि रेखा सीधी रेखा है, इसका आशय है 

(A) बच्चे का वजन स्थिर है। 

(B) बच्चे का उम्र बढ़ रहा है किन्तु वजन घट रहा है। 

(C) बच्चे की उम्र वृद्धि के साथ वजन भी बढ़ रहा है। 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

129. यदि वृद्धि रेखा ऊपर की ओर जा रही है, इसका आशय है- 

(A) बच्चे का वजन स्थिर है। 

(B) बच्चे का उम्र बढ़ रहा है किन्तु वजन घट रहा है। 

(C) बच्चे की उम्र वृद्धि के साथ वजन भी बढ़ रहा है। 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं।

 130. नवीन वृद्धि चार्ट के अनुसार वृद्धि चार्ट में होता है- 

(A) 4 रेखायें 

(B) 3 पट्टियाँ 

(C) 5 रेखायें 

(D) 4 पट्टियाँ 

131. नवीन वृद्धि चार्ट में निम्नलिखित में से किस रंग की पट्टी नही है- 

(A) हरा 

(B) पीला 

(C) लाल 

(D) सफेद

132. नवीन वृद्धि चार्ट में बच्चे की उम्र को दर्शाता है- 

(A) खड़ी रेखा 

(B) आड़ी रेखा 

(C) तिरछी रेखा

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

133. नवीन वृद्धि चार्ट में बच्चे के वजन को दर्शाता है 

(A) खड़ी रेखा 

(C) तिरछी रेखा 

(B) आड़ी रेखा 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

134. नवीन वृद्धि निगरानी के अनुसार जिन बच्चों का वजन हरी पट्टी में आता है, वे बच्चे है- 

(A) सामान्य वर्ग के 

(B) सामान्य से कम वजन के (कुपोषित) 

(C) गंभीर रूप से कम वजन गंभीर (गंभीर कुपोषित) 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं ।

135. नवीन वृद्धि निगरानी के अनुसार जिन बच्चों का वजन पीली पट्टी में आता है वे बच्चे हैं

(A) सामान्य वर्ग के

(B) सामान्य से कम वजन के (कुपोषित)

(C) गंभीर रूप से कम वजन गंभीर (गंभीर कुपोषित)

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

136. नवीन वृद्धि निगरानी के अनुसार जिन बच्चों का वजन लाल पट्टी में आता है, वे बच्चे है 

(A) सामान्य वर्ग के 

(B) सामान्य से कम वजन के (कुपोषित) 

(C) गंभीर रूप से कम वजन गंभीर (गंभीर कुपोषित) 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

137. नवीन वृद्धि चार्ट के अनुसार बच्चों को रखा गया – 

(A) 3 वर्ग 

(B) 4 वर्ग में 

(C) 5 वर्ग में 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं ।

138. वृद्धि रेखा के आधार पर गंभीर जोखिम वाला बच्चा माना जावेगा, यदि – 

(A) जन्म के समय शिशु का वजन 2 कि.ग्रा. से। 

(B) शिशु का वजन लगातार 3 माह से नहीं बढ़ रहा हो। 

(C) 2 माह से शिशु के वजन में कमी हो रही हो। 

(D) उपरोक्त सभी। 

139. पाँच वर्ष के कम आयु के बच्चों की मृत्यु होने के कितने प्रतिशत मामले केवल कुपोषण के कारण है – 

(A) 40% 

(B) 52%

(C) 60% 

(D) इनमें से कोई नहीं 

140. सामान्य बच्चों की अपेक्षा कुपोषित बच्चों में बीमार होने की संभावना अधिक होती है-

(A) 4 गुना 

(B) 8 गुना 

(C) 14 गुना 

(D) इनमें से कोई नहीं 

141. सामान्य बच्चों की अपेक्षा कुपोषित बच्चों में मृत्यु की संभावना अधि क होती है – 

(A) 4 गुना 

(B) 8 गुना 

(C) 14 गुना 

(D) इनमें से कोई नहीं 

142. कुपोषण देश की प्रमुख समस्या है। यह समस्या सबसे अधिक जटिल है – 

(A) 7 माह से 2 वर्ष के बच्चों के लिए 

(B) 4 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों के लिए। 

(C) 7 वर्ष से 10 वर्ष के बच्चों के लिए। 

(D) 10 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए। 

143. वजन त्यौहार 2022-23 के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण का प्रतिशत है – 

(A) 11.23 

(B) 17.76 

(C) 20.11 

(D) 16.5 

144. 11वीं पंचवर्षीय योजना में कुपोषण की वर्तमान स्थिति में कमी लाने हेतु लक्ष्य रखा गया है- 

(A) कुपोषण की वर्तमान दर में 50% की कमी लाना ।

(B) कुपोषण की वर्तमान दर में 30% की कमी लाना । 

(C) कुपोषण दर को 50% तक लाना । 

(D) इनमें से कोई नहीं। 

145, 2.5 किलोग्राम से कम वजन के जन्म होने वाले बच्चों की संख्या – 

(A) 30 से 40% 

(C) 10 से 20% 

(B) 45 से 50% 

(D) 50 से 60% 

146, बच्चों के कुपोषण का आहार संबंधी कारण निम्नलिखित में से कौन-सा है – 

(A) सतत् स्तनपान न कराना। 

(B) 7 माह से सम्पूरक आहार न देना । 

(C) जन्म के तुरन्त बाद माँ का दूध न पिलाना 

(D) उपरोक्त सभी। 

147. बच्चों में कुपोषण का स्वास्थ्य संबंधी कारण कौन सा है – 

(A) बच्चे को दस्त होना। 

(B) बार-बार बीमार पड़ना। 

(C) प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का उपलब्ध न होना। 

(D) उपरोक्त सभी। 

148. बच्चों के कुपोषण का स्वास्थ्य संबंधी कारण कौन-सा नही है – 

(A) शिशु का वजन जन्म के समय 2.5 कि.ग्रा. से कम। 

(B) पेट में परजीवी कीड़े का होना। 

(C) बच्चे और माता का अपर्याप्त देखभाल |

(D) सतत् स्तनपान न कराना। 

149 बच्चों में कुपोषण का सामाजिक एवं परम्परागत कारण कौन सा है- 

(A) कम उम्र में विवाह एवं गर्भधारण । 

(B) निर्धन एवं बड़ा परिवार। 

(C) स्वच्छ वातावरण का अभाव।

(D) पोषण, स्वास्थ्य संबंधी मान्यतायें भांतियाँ। 

(E) उपरोक्त सभी। 

150. बच्चों में कुपोषण का मुख्य कारण है। 

(A) गरीबी एवं अज्ञानता ।

(B) अपर्याप्त एवं असंतुलित भोजन । 

(C) संक्रमण एवं बीमारियाँ । 

(D) स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्तता । 

(E) उपरोक्त सभी। 

151. सामान्यतः बच्चों को उनके लक्षण के आधार पर कुपोषित है या नहीं. की पहचान की जा सकती है, ये लक्षण है 

(A) बच्चे का दुर्बल दिखना है। 

(B) बच्चे सुस्त, चिड़चिड़ा एवं रोता रहना है। 

(C) बच्चे के बालों का रंग भूरा एवं होठों का रंग फीका होना। 

(D) उपरोक्त में से कोई भी । 

152. कुपोषित बच्चों की श्रेणी की पहचान की जाती है 

(A) ऊँचाई नापकर 

(B) वजन लेकर। 

(C) वृद्धि चार्ट में भरकर । 

(D) बच्चे को देखकर । 

(E) उपरोक्त सभी। 

153. कुपोषण एवं बीमारी के बीच संबंध है –

(A) सीधा संबंध 

(B) विपरीत संबंध। 

(C) कोई संबंध नहीं है। 

(D) उपरोक्त सभी। 

154. प्रोटीन की कमी से बच्चों में होने वाली कुपोषण संबंधी रोग को कहते हैं – 

(A) क्वाशियॉकर 

(B) एनीमिया 

(C) रतौंधी 

(D) कोई नहीं। 

155. प्रोटीन एवं कैलोरी की मिली जुली कमी से होने वाले कुपोषण संबंध रोग को कहते हैं- 

(A) रतौंधी 

(B) मरास्मत (सूखा रोग) 

(C) एनीमिया 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

156. गंभीर रूप से कम वजन वाले (गंभीर कुपोषित) बच्चे को आंगनबाड़ी केन्द्र में निर्धारित मात्रा से कितना अधिक पूरक पोषक आहार दिया जाता है – 

(A) सामान्य का 11 /2 गुना। 

(B) सामान्य का दो गुना । 

(C) सामान्य का तीन गुना । 

(D) सामान्य का चार गुना । 

157. बच्चों में बीमारी का मुख्य कारण – 

(A) उचित देखरेख एवं जानकारी का अभाव । 

(B) कुपोषण 

(C) संक्रमण। 

(D) प्रतिरोधक क्षमता की कमी। 

(E) उपरोक्त सभी। 

158. बच्चों में दस्त होने का मुख्य कारण है 

(A) दूषित भोजन 

(C) कुपोषण 

(B) दूषित पानी । 

(D) उपर्युक्त सभी। 

159. बच्चों को बुखार होने का मुख्य कारण – 

(B) संक्रमण । 

(A) मौसमी परिवर्तन 

(C) कुपोषण 

(A) स्तनपान जारी रखना चाहिए। 

(D) उपर्युक्त सभी।

160. बच्चों को बीमार होने पर – 

(B) भोजन खिलाते रहना चाहिए। 

(C) डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। 

(D) उपर्युक्त सभी। 

161. बच्चों को बुखार होने पर घरेलू उपचार में क्या करना चाहिए 

(A) बच्चों को स्तनपान जारी रखें। 

(B) भोजन देते रहें । 

(C) बुखार अधिक होने पर बच्चे के सिर पर पानी की पट्टी रखेंगे 

(D) उपरोक्त सभी।

162. बच्चों में खाज-खुजली होने का प्रमुख कारण है – 

(A) दूषित जल का प्रयोग ।

(B) अस्वच्छता।

(C) दोनों। 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं 

163. बच्चों में खाज-खुजली होने पर उपचार करेंगे 

(A) बेंजिल बेंजोएट लोशन शरीर पर लगायें। 

(B) पहनने एवं ओढ़ने के कपड़ों की सफाई । 

(C) साबुन और पानी से स्नान । 

(D) उपरोक्त सभी। 

164. बच्चों में निमोनिया होने का लक्षण है – 

(A) स्तनपान में तकलीफ। 

(B) सांस लेने में खरखराहट की आवाज। 

(C) पसली चलना । 

(D) उपरोक्त सभी। 

165. बच्चों में निमोनिया नामक बीमारी, संक्रमण एवं ठंड लग जाने से होती है, इसके होने पर सामान्य सलाह दिया जाता है – 

(A) बच्चे को गर्म रखने का । 

(B) सतत् स्तनपान / ऊपरी आहार जारी रखने का । 

(C) एण्टीबायोटीक देने का । 

(D) उपरोक्त सभी। 

166. बच्चों को निमोनिया होने पर साधारणतः दिया जाता है – 

(A) क्रोसीन की गोली । 

(B) पेरासीटामॉल की गोली / सीरप । 

(C) कोट्राईकोमोजाल सीरप / टेबलेट । 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

167. मलेरिया बीमारी होती है 

(A) एनाफिलीस मादा मच्छर के काटने से । 

(B) गंदा पानी पीने से । 

(C) दूषित भोजन करने से। 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

168. मलेरिया से बचने के लिए उपचार है 

(A) क्लोरोक्वीन की गोली । 

(B) मच्छरदानी का प्रयोग । 

(C) आसपास पानी गड्ढे में जमा न होने देना 

(D) उपरोक्त सभी। 

169. एनीमिया (रक्ताल्पता) मुख्यतः किस पोषक तत्व की कमी के कारण – होता है – 

(A) प्रोटीन 

(B) आयरन । 

(C) विटामिन 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

170. एक स्वस्थ्य व्यक्ति के रक्त में 100 मि.ली. में हीमोग्लोबीन होता है- 

(A) 8 ग्राम 

(B) 9 ग्राम 

(C) 12 से 14 ग्राम 

(D) 20 ग्राम 

171. एनीमिया (रक्ताल्पता) खून में हीमोग्लोबीन के निर्धारित स्तर में कमी के कारण उत्पन्न होता है। इस स्तर को बनाये रखने के लिए- 

(A) हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अंकुरित दाल, गुड़, मांसाहार का सेवन। 

(B) खट्टे फलों का सेवन । 

(C) आयरन फॉलिक एसिड की गोली। 

(D) लोहे के बर्तन में खाना बनाना । 

(E) उपरोक्त सभी। 

172. आयोडीन की कमी से होता है। 

(A) बौनापन 

(B) घेंघा रोग। 

(C) मंद बुद्धि 

(D) गर्भपात / मृत प्रसव

(E) उपरोक्त सभी। 

173 आयोडीन का सबसे बच्छा स्रोत है – 

(A) आयोडीन युक्त नमक । 

(B) समुद्री जीव का आहार । 

(C) उक्त दोनों। 

(D) इनमें से कोई नहीं । 

174, विटामिन ‘A’ की कमी से होता है – 

(A) रतौंधी 

(B) बीटाट स्पॉट 

(C) प्रतिरोधक क्षमता में कमी 

(D) खसरा 

(E) दस्त 

(F) उपरोक्त सभी।

175. विटामिन ‘A’ का सबसे अच्छा स्रोत है – 

(A) हरे पत्तेदार सब्जियाँ । 

(B) अंडा 

(C) दूध । 

(D) पीले फल

(E) उपरोक्त सभी। 

176, क्वॉशियाकर बीमारी मुख्यतः 1 से 3 वर्ष आयु के बच्चों को होता है। इन बच्चों में 

(A) वृद्धि रूक जाती है। 

(B) बाल भूरे एवं सूखे हो जाते है। 

(C) चेहरा चन्द्रमा आकार का हो जाता है। 

(D) त्वचा में पानी भर जाता है। त्वचा फट जाता है तथा घाव हो जाता है। 

(E) उपरोक्त सभी। 

177. मरास्मस बीमारी अधिकांशतः 6 माह से 2 वर्ष की आयु के बच्चों में प्रोटीन एवं कैलोरी की कमी के कारण होता है, इससे 

(A) बाल कमजोर हो जाते हैं। 

(B) चेहरा बंदर की तरह दिखाई देता है। 

(C) त्वचा ढीली होकर लटक जाती है। 

(D) बच्चों की आँखों में खुरदुरापन आना । 

(E) हाथ-पैर कमजोर हो जाता है। 

(F) उपरोक्त सभी। 

178. NHFS-5 के सर्वे के अनुसार भारत का शिशु मृत्यु दर है – 

(A) 50 शिशु प्रति हजार । 

(B) 28 शिशु प्रति हजार । 

(C) 61 शिशु प्रति हजार । 

(D) 71 शिशु प्रति हजार । 

179. NHFS-5 के सर्वे के अनुसार छ.ग. का शिशु मृत्यु दर – 

(A) 61 शिशु प्रति हजार । 

(B) 57 शिशु प्रति हजार । 

(C) 38 शिशु प्रति हजार । 

(D) 52 शिशु प्रति हजार । 

180, नवीन सर्वे के अनुसार छ.ग. का शिशु मृत्युदर है – 

(A) 38 शिशु प्रति हजार । 

(B) 71 शिशु प्रति हजार । 

(C) 58 शिशु प्रति हजार । 

(D) 52 शिशु प्रति हजार ।

181. नवीन सर्वे के अनुसार भारत का शिशु मृत्यु दर है – 

(A) 28 शिशु प्रति हजार। 

(B) 71 शिशु प्रति हजार । 

(C) 52 शिशु प्रति हजार। 

(D) 61 शिशु प्रति हजार । 

182. नवजात शिशु मृत्युदर निकालने में किस आयु तक के मृत बच्चों को शामिल किया जाता है- 

(A) जन्म से 28 दिवस की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या। 

(B) जन्म से एक वर्ष की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या। 

(C) जन्म से पाँच वर्ष से कम आयु के मृत बच्चों की संख्या। 

(D) इनमें से कोई नहीं। 

183. शिशु मृत्यु दर निकालने में किस आयु तक के मृत बच्चों को शामिल किया जाता है –

(A) जन्म से 28 दिवस की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या । 

(B) जन्म से एक वर्ष की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या । 

(C) जन्म से पाँच वर्ष से कम आयु के मृत बच्चों की संख्या ।

(D) इनमें से कोई नहीं । 

184. बाल मृत्यु दर निकालने में किस आयु तक के मृत बच्चों को शामिल किया जाता है – 

(A) जन्म से 28 दिवस की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या । 

(B) जन्म से एक वर्ष की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या । 

(C) जन्म से पाँच वर्ष से कम आयु के मृत बच्चों की संख्या । 

(D) इनमें से कोई नहीं। 

185. नवजात शिशु मृत्यु दर निकालने का सूत्र है- 

(A) 28 दिवस के आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या X 1000 

(B) 1 वर्ष की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या X 100 

(C) 5 वर्ष से कम आयु के मृत बच्चों की संख्या X 100 / जीवित जन्म बच्चों की संख्या 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

186 शिशु मृत्यु दर निकालने का सूत्र है 

(A) 28 दिवस के आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या X 1000 जीवित जन्म बच्चों की संख्या 

(B) 1 वर्ष की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या X 1000 जीवित जन्म बच्चों की संख्या 

(C) 5 वर्ष से कम आयु के मृत बच्चों की संख्या X 100 जीवित जन्म बच्चों की संख्या 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

187. बाल मृत्यु दर निकालने का सूत्र है 

(A) 28 दिवस के आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या X 1000 जीवित जन्म बच्चों की संख्या । 

(B) 1 वर्ष की आयुसीमा के भीतर मृत बच्चों की संख्या X 100 जीवित जन्म बच्चों की संख्या । 

(C) 5 वर्ष से कम आयु के मृत बच्चों की संख्या X 1000 जीवित जन्म बच्चों की संख्या । 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

188. नवजात शिशु मृत्यु का मुख्य कारण है 

(A) जन्म के तुरन्त बाद श्वांस न लेना 

(B) समय पूर्व जन्म 

(C) संक्रमण।

(D) उपरोक्त सभी। 

189. 11वीं पंचवर्षीय योजना में शिशु मृत्यु दर को घटाकर कर कितना लाने का लक्ष्य रखा गया है 

(A) 25 

(B) 35 

(C) 39 

(D) 41 

190. कुल शिशु मृत्युदर में संक्रमण के कारण मृत्यु होने वाले बच्चों का हिस्सा – 

(A) 52% 

(B) 29%

(C) 15% 

(D) इनमें से कोई नहीं 

191. कुल शिशु मृत्युदर जन्म के तुरन्त बाद सामान्य रूप से श्वांस न ले पाने के कारण (एसफिक्सिया) से मरने वाले बच्चों का हिस्सा- 

(A) 52% 

(B) 20% 

(C) 15% 

(D) इनमें से कोई नहीं 

192. कुल शिशु मृत्यु दर समय पूर्व जन्म के कारण उत्पन्न जटिलताओं से मरने वाले बच्चों की प्रतिशत 

(A) 52% 

(B) 20% 

(C) 15% 

(D) इनमें से कोई नहीं 

193. कुल शिशु मृत्यु दर जन्म दोष अथवा अन्य कारण से मरने वाले बच्चे का प्रतिशत – 

(A) 52%

(B) 20%

(C) 15% 

(D) इनमें से कोई नहीं 

194. विभिन्न कारण / ग्रसित होकर मरने वाले कुल शिशु में (शिशु मृत्यु ) जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत होता है। 

(A) 10% 

(B) 40% 

(C) 50% 

(D) 90% – 

195. शिशु मृत्यु का कारण

(A) गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पर्याप्त पोषण न मिलना। 

(B) सुरक्षित प्रसव का न होना। 

(C) नवजात शिशुओं के जन्म के समय एवं बाद में उचित देखभाल न होना।

 (D) उपरोक्त सभी 

196. शिशु मृत्युदर (IMR) में कमी लाने के लिए आवश्यक है। 

(A) नवजात शिशुओं की पर्याप्त देखभाल। 

(B) वर्तमान एवं भावी माताओं के लिए उचित स्वास्थ्य एवं पोषण की व्यवस्था । 

(C) सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना। 

(D) उपरोक्त सभी। 

197. शिशु मृत्युदर (IMR) निकाला जाता है 

(A) प्रति 100 जीवित जन्म बच्चों पर। 

(B) प्रति 1000 जीवित जन्म बच्चों पर। 

(C) प्रति 1.00 लाख जीवित जन्म बच्चों पर । 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

198. मातृ मृत्यु दर (MMR) निकाला जाता है 

(A) प्रति 100 जीवित जन्म बच्चों पर मरने वाली माताओं।

(B) प्रति 1000 जीवित जन्म बच्चों पर मरने वाली माताओं। 

(C) प्रति 1.00 लाख जीवित जन्म बच्चों पर मरने वाली माताओं 

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं। 

199. मातृ मृत्यु से आशय है – 

(A) गर्भावस्था के दौरान भरने वाली महिलाओं की संख्या। 

(B) प्रसव के दौरान मरने वाली महिलाओं की संख्या। 

(C) प्रसव/गर्भपात के 42 दिन के भीतर प्रसव संबंधी कारणों से मरने वाली महिलाओं की संख्या। 

(D) उपरोक्त सभी। 

200. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु मृत्युदर (MMR) है – 

(A) 200 प्रति लाख 

(C) 137 प्रति लाख 

(B) 300 प्रति लाख। 

(D) 400 प्रति लाख। 

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