मध्यप्रदेश के भौगोलिक संकेतक (भौगोलिक उपदर्शन)
- भौगोलिक संकेतक ऐसे उत्पादों को दिया जाता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र होता है।
- भौगोलिक संकेतक का पंजीकरण 10 वर्ष के लिये मान्य होता है।
- यह भारत में सितंबर 2003 से लागू हुआ।
- सर्वप्रथम वर्ष 2004 में ‘दार्जिलिंग टी’ जीआई टैग प्राप्त हुआ।
- जीआई टैग Paris Convention for the Protection of Industrial Property के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों में शामिल है।
- Globally GI का विनियमन WTO के Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS के जरिए किया जाता है।
- राष्ट्रीय स्तर पर यह Geographical Indications of goods ‘Registration and Protection’ act, 1999 के जरिए मिलता है,
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मध्यप्रदेश के भौगोलिक संकेतक
- इंदौर के चमड़े के खिलौने
- रतलामी सेव
- धार का बाघ प्रिंट, उजैन के भरमगढ़ का प्रिंट
- झाबुआ का कड़कनाथ मुर्गा
- महेश्वर(खरगौन), चंदेरी(अशोकनगर) की साड़ियां
- दतिया,टीकमगढ़ के धातु शिल्प
- मुरैना की गजक