छत्तीसगढ़ लोक कल्याणकारी योजनाएँ सामान्य ज्ञान CGPSC & VYAPAM

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छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान Cg Mcq Question Answer in Hindi: Click Now

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने अपने यहां कई लोक कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को अधिक-से-अधिक लाभ पहुंचाना है। राज्य की कतिपय विशिष्ट योजनाएं इस प्रकार हैं :
1. आदर्श ग्राम योजना : राज्य सरकार ने रंजना, दुगाली, इचकेला, कुल्हाड़ी घाट, कठगोड़ी एवं ओरझा को आर्दश ग्राम के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है क्योंकि 1985 ई० में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कभी इन गांवों में आए थे।
2. त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठ्यक्रम योजना : त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठ्यक्रम का विधेयक राज्य विधानसभा के द्वारा 19 अप्रैल, 2000 को पारित किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक-से-अधिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना था।
3. ई-सेवा योजना : 23 अप्रैल, 2003 से संचालित यह योजना नागरिक उपभोक्ताओं के बिलों के भुगतान व विभागों की जानकारी से सम्बद्ध है।
4. इन्दिरा हरेली सहेली योजना (नया नाम-हरियाली योजना) : इस योजना का शुभारम्भ 7 जून, 2000 से हुआ। यह निर्धन परिवारों के लिए रोजगार हेतु पर्यावरणसंरक्षण की योजना है। राज्य की स्थापना के पहले वर्ष में ही इसके तहत लगभग 15000 हेक्टेयर बंजर भूमि पर वृक्षारोपण के लिए पट्टों का वितरण किया गया।
5. राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण : 27 जून, 2002 को छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण का गठन राज्य में साक्षरता प्रसार के उद्देश्य से किया।
 
6. स्कूल जाबो पढ़के आबो अभियान : राज्य में प्रारम्भिक शिक्षा को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूल जाबो, पढ़के आबो’ अभियान जुलाई 2002 में प्रारंभ किया।
7. एकीकृत पशुधन विकास योजना : यह योजना डेनमार्क सरकार के सहयोग से राज्य के बस्तर जिले में चलायी जा रही है।
 
8. राजीव किसान मितान योजना : यह योजना राज्य के किसानों को खाद, बीज, तकनीकी उपकरण, ज्ञान एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रारम्भ की गई है।
9.राजीव ज्ञानोदय योजना : ग्रामीण पुनर्निमाण के लिए युवाओं की अग्रणी भूमिका के लिए गांव में वाचनालय तथा युवा विचार मंच की स्थापना के लक्ष्य से यह योजना जुड़ी हुई है। राजीव गांधी ज्ञानोदय केन्द्र का नाम परिवर्तित कर स्वामी आत्मानंद ज्ञानोदय केन्द्र दिया गया है।
10. कल्पवृक्ष योजना : यह योजना अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को सीधे रोजगार उपलब्ध कराने के लक्ष्य से प्रारम्भ की गई है। इस योजना की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई।
11. अन्न बैंक योजना : यह योजना राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में लागू की गई है। इसके तहत निर्धन, अशक्त एवं बेसहारा लोगों को अन्न बैंक से अनाज उपलब्ध कराने का प्रावधान है। यह योजना सर्वप्रथम दुर्ग जिले में लागू की गई।
12. इन्दिरा सहारा योजना : 19 नवम्बर, 2002 से प्रारम्भ इस योजना में 18 से 50 वर्ष के आयु समूह की सभी निराश्रित, विधवा व परित्यक्ता महिलाओं को सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा देने का प्रस्ताव है। इस योजना में महिला को सामाजिक सुरक्षा के अन्य लाभों के अलावा 150 रुपए प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है। यदि ऐसी महिला स्वरोजगार में रूचि रखती है, तो उसकी आर्थिक मदद की जाती है। इस योजना के तहत प्रदेश की 90 हजार बेसहारा महिलाओं को सहारा देने का संकल्प है।
 
13. इन्दिरा गांव गंगा योजना : 19 नवम्बर, 2000 से प्रारंभ इस योजना का लक्ष्य प्रदेश के विद्युतीकृत ग्रामों में कम-से-कम एक समन्वित जल स्रोत को विकसित करने की है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और निस्तार के लिए जल उपलब्ध कराना भी इसमें सम्मिलित है। योजना के क्रियान्वयन के दौरान भू-जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन की बात भी कही गई है।
14. इन्दिरा सूचना शक्ति योजना : इस योजना में राज्य में सभी शासकीय हाई स्कूल में पढ़ने वाले 9वीं से 12वीं तक की निर्धन छात्राओं के लिए निःशुल्क कम्प्यूटर शिक्षा का प्रावधान है। यह योजना 19 नवम्बर, 2000 से प्रारंभ है।
15. स्मार्ट सिटी पायलट योजना : इस योजना के तहत राज्य के प्रमुख शहरों को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाकर कम्प्यूटर से जोड़ने की योजना है। रायपुर नगर-निगम में ‘स्मार्ट सिटी पायलट प्रोजेक्ट’ का शुभारंभ किया जा चुका है।
16. ग्राम न्यायालय अधिनियम : यह अधिनियम 18 दिसम्बर, 2000 को लागू किया गया। इसके अंतर्गत प्रत्येक 10 ग्राम या अधिक ग्राम-पंचायतों के पीछे एक ग्राम न्यायालय बनाने की योजना है। प्रदेश में इस तरह कुल 815 ग्राम-न्यायालय स्थापित करने की योजना है। भारतीय दंड संहिता की लगभग 31 धाराओं पर सुनवाई ग्राम-न्यायालयों में करने का प्रावधान है। ग्राम न्यायालय को कारावास से दण्डित करने का अधिकार नहीं है। उसे केवल 1000 रु० तक के जुर्माने का अधिकार है।
17. पोर्ते स्मृति चिकित्सा शिक्षा प्रोत्साहन योजना : प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने वाली कमजोर वर्ग की बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रावीण्यता के आधार पर एक छात्रवृति योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत चार छात्रवृतियां प्रदान करने की योजना है। यह प्रोत्साहन स्वर्गीय भंवर सिंह पोर्ते स्मृति चिकित्सा प्रोत्साहन योजना के नाम से जानी जाती है।
18. दीदी-भईया-बैंक योजना : इस योजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं तथा पुरुषों में बचत को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में बैंक खोले गए हैं।
19.जोगी डबरी योजना : इस योजना के माध्यम से प्रत्येक गांव 10 डिसिमल की डबरी (लघु जलाशय) खोदने का प्रावधान रखा गया है। शर्त यह है कि गांव का किसान उक्त परिमाण की भूमि सरकार को उपलब्ध कराएगा तथा सरकार अपने पैसे से उसमें लघु जलाशय बनवाएगी। उक्त प्रकार की डबरी पर मालिकाना हक भूस्वामी का ही होगा।
20. प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना : ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बंधुआ मजदूर तथा आवासहीन निर्धन लोगों के लिए इस योजना में शतप्रतिशत आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना में नए आवास हेतु 20,000 रुपए तथा पुराने आवास के रख-रखाव हेतु 10,000 रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है। यह इन्दिरा आवास योजना (IAY) के समान ही है।
21. सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना : इस योजना के अंतर्गत राज्य में नए-नए रोजगार खोलना, अधोसंरचना का विकास करना आदि शामिल है। रोजगार आश्वासन योजना तथा जवाहर ग्राम समृद्धि योजना नामक अन्य दो योजनाएं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष निर्धारित नकद राशि के बराबर का खाद्यान्न भी प्रत्येक जिले में वितरित किया जाता है। आवंटन की 50 प्रतिशत राशि ग्राम-पंचायतों को, 30 प्रतिशत राशि जनपद पंचायतों को एवं 20 प्रतिशत राशि जिला पंचातयों को प्राप्त होती है।
22. स्वर्णजयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना : ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योग स्थापित कर गरीबों को स्वरोजगार उपलब्ध कराना इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है। इस योजना के अंतर्गत सामान्य जाति के परिवारों को लागत मूल्य का 30 प्रतिशत तथा अधिकतम 75000 रुपए की सहायता निश्चित है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों को लागत मूल्य का 50 प्रतिशत है। सामूहिक ऋण प्रकरण में अनुदान की अधिकतम सीमा 125000 रुपए तक हो सकती है।
23. सर्वश्रेष्ठ पंचायत पुरस्कार योजना : इस योजना में विकास खंड स्तर पर सर्वश्रेष्ठ एक पंचायत को 20,000 रुपए, संभाग स्तर पर सर्वश्रेष्ठ एक जनपद पंचायत को एक लाख रुपए तथा राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ एक जिला पंचायत को 5 लाख रुपए प्रदान किया जाता है।
24. राष्ट्रीय फसल बीमा योजना : यह योजना राज्य के अकाल पीड़ित किसानों के लिए लाग की गई है। इस योजना के तहत वर्ष 2000 के सखे से पीडित 64000किसानों को लगभग 80 करोड़ रुपए के बीमा दावों का भुगतान 2001-02 में किया गया। खरीफ वर्ष 2002 में भी अकाल से पीड़ित 3 लाख 80 हजार किसानों को इस बीमा योजना की परिधि में लाया गया। इनकी ओर से राज्य सरकार ने लगभग 8 करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि विभिन्न सरकारी तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा करवायी है। इन किसानों का लगभग 300 करोड़ रुपए का फसल बीमा खरीफ वर्ष 2002 के लिए किया गया।
25. इन्दिरा खेत गंगा योजना : 13 जनवरी, 2002 को इस योजना की शुरुआत हुई। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के किसानों को 43,000 रुपए और सामान्य किसानों को 25000 रुपए के अनुदान देने की पात्रता है। इसमें आय सीमा का कोई बंधन नहीं है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अवृष्टि के कारण किसानों को खेतों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आर्थिक सहायता देना है।
26. राजीव जीवन रेखा योजना (नया नाम-संजीवनी योजना) इस योजना की शुरुआत 1 नवम्बर, 2001 को हुई । इस योजना का लक्ष्य है सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार । इस योजना के अंतर्गत राज्य के 54000 टोलों में स्थानीय जनता की सहमति से किसी एक स्थानीय महिला को ‘मितानिन’ के रूप में नियुक्त करने का है। मितानिन मुख्य रूप से सामान्य रोगों का इलाज, रोग-प्रतिरोधक सेवाएं, स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, उल्टी-दस्त व मलेरिया आदि का उपचार करेगी।
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27. राजीव स्मृति वन योजना : यह योजना 1 नवम्बर, 2001 को लागू की गई। राजीव स्मृति वन लगभग 67 एकड़ क्षेत्र में विकसित है। यहां 67 प्रजातियों के फलदार, छायादार, औषधीय एवं पुष्प सम्बन्धी लगभग 2500 पौधे रोपे जा चुके हैं। स्मृति वन में कोई भी व्यक्ति 251 रुपए की राशि देकर अपने प्रियजन की स्मृति में वृक्षारोपण कर सकता है। इसके अंतर्गत पौधे की अवस्था से लेकर उसके रख-रखाव का दायित्व राज्य वन विभाग का है।
28. इन्दिरा स्मृति वन योजना : यह योजना 5 जून, 2002 को पर्यावरण दिवस के अंगर्तत दलदल सिवनी में लागू की गई। इस योजना में एक लाख पौधे लगाने की योजना है। आम, आंवला एवं अमरूद के वृक्षों को लगाने में प्राथमिकता दी गई है।
 
29. स्वसहायता समूह योजना : राज्य की महिलाओं को सहायता देने के लिए इस योजना के तहत 16000 स्वसहायता समूह गठित किए गए हैं। मार्च 2001 तक इन स्वसहायता समूहों में 13361327 रुपए की धनराशि जमा की गई। राजनांदगांव का ‘माँ बम्लेश्वरी बैंक’, दुर्ग की ‘दीदी बैंक’ जगदलपुर की ‘माँ-दीदी बैंक’ आदि इस योजना की सफलता के प्रमाण हैं।
30. महिला सशक्तिकरण वर्ष योजना : राज्य सरकार ने ‘महिला सशक्तिकरण वर्ष 2001’ में ‘सशक्त नारी-सशक्त समाज’ की अवधारणा को प्रस्तुत किया था।
31. एकीकृत बाल विकास योजना : राज्य सरकार योजना के अनुरूप राज्य के सभी 146 प्रखंडों तथा 6 नगरीय क्षेत्रों में कुल 152 बाल विकास परियोजनाएं संचालित कर रही है। राज्य में 20285 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। परियोजना के अंतर्गत 0-3 आयु वर्ग के 406457 तथा 3-6 आयु वर्ग के 403832 बच्चे एवं 194343 गर्भवती महिलाओं को सहायता पहुँची है। इस परियोजना के कारण राज्य में शिशु मृत्यु दर 117 प्रति हजार से घटकर 97 प्रति हजार तथा मातृ मृत्यु दर 7 प्रति हजार हो गई है।
32. सूखा राहत कार्य योजना : इस योजना के अंतर्गत राज्य की 5678 पंचायतों में 6461 कार्य प्रारंभ किये गए। इसके अतिरिक्त मूलभूत कार्यों के हेतु 8511 अन्य राहत कार्य चलाए गए। राज्य सरकार ने राहत कार्यों के हेतु प्रतिदिन 12 लाख श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया। राज्य में काम के बदले अनाज कार्यक्रम के अंतर्गत 16600 टन खाद्यान्न आवंटित किया गया । राज्य में 1226 नए तालाब, 3562 पुराने तालाबों का गहराईकरण, सिंचाई नहर एवं जल प्रदाय सुधार के 600 कार्य, सड़क पहुंच मार्ग के 2154 कार्य तथा वानिकी के 25 कार्य किये गए। राज्य की 13000 हे० अनुपजाऊ भूमि पर भूमि उपचार तथा वृक्षारोपण के कार्य किए जा रहे हैं।
33. अन्नपूर्णा योजना : केंद्र सरकार द्वारा वितीय वर्ष 2000-01 में घोषित इस योजना के अंतर्गत 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे वृद्धजनों को निःशुल्क खाद्यान्न देने की व्यवस्था है, जो बेसहारा हैं और जिन्हें राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में नहीं शामिल किया गया है।
34. प्रधानमंत्री रोजगार योजना : भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु इस योजना के अंतर्गत धनराशि आवंटित की जाती है।
35. मैक्रो मैनेजमेंट योजना : इस योजना के अंतर्गत पारम्परिक अलाभकारी फसलों के स्थान पर वैकल्पिक कृषि को प्रोत्साहित किया जाता है।
36.राजीव गांधी जलग्रहण विकास मिशन योजना : इस योजना को राज्य सरकार ने सूखे तथा अकाल से निपटने के लिए राज्य के सभी जिलों में लागू किया है।
 
37. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना : इस योजना की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा 25 दिसम्बर, 2000 को की गई थी। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को पक्की सड़कों में परिवर्तित करने का प्रावधान किया है ताकि सभी मौसम में ग्रामीण का सम्पर्क निकटवर्ती क्षेत्रों से बना रहे।
38. इन्दिरा आवास योजना : इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस योजना मे हितग्राहियों का चयन ग्रामसभा करती है। आवास का निर्माण स्वयं हितग्राहियों को करना होता है। सहायता राशि ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। स्वच्छ शौचालय एवं धुआं रहित चूल्हा इस आवास की अनिवार्य शर्ते हैं। इस योजना में नए आवासों के अतिरिक्त कच्चे आवासों को पक्के/आंशिक भवनों में बदलने हेतु क्रमशः 20,000 तथा 10,000 रुपए का अनुदान दिया जाता है।
39. गृहलक्ष्मी योजना : 24 मई, 2004 को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इस योजना के अंतर्गत आगामी 5 वर्षों में गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले 6 लाख परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिया जाएगा। वर्ष 2004 में इस योजना के तहत 50 हजार परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
40. छत्तीसगढ़ अमृत योजना : मई, 2004 में राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के आदिवासी विकास खण्डों में 25 पैसे प्रति किलो के किफायती मूल्य पर नमक 9 लाख 40 हजार निर्धन परिवारों को बांटा जाएगा। 15 अगस्त, 2004 से आयोडाइज्ड नमक (छत्तीसगढ़ अमृत) राज्य के गरीबी रेखा के नीचे वाले सभी परिवारों को दिया जा रहा है।
41. ग्रामीण गरीबी उन्मूलन योजना : विश्व बैंक की सहायता से यह परियोजना छत्तीसगढ़ के 40 विकास खण्डों में संचालित की जा रही है। इस ग्रामीण गरीबी उन्मूलन परियोजना को अब ‘नया अंजोर’ नाम दिया गया है। परियोजना के इस नामकरण के लिए राज्य सरकार ने विश्व बैंक से सहमति प्राप्त कर ली है।
 
42. अटल आवास योजना : छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने गरीबों को आसान शर्तों पर घर उपलब्ध कराने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से एक योजना शुरू की है। इस योजना को ‘अटल आवास योजना’ नाम दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत बनने वाले घर की कीमत 60,000 रुपए होगी एवं इसे आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है। निर्धन वर्ग के लोग प्रथम किस्त के रूप में सिर्फ 10,000 रुपए चुकाकर इस घर के स्वामी बन सकते हैं। इसके पश्चात् उन्हें प्रतिदिन 10 रुपए जमा करने होंगे। इस योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत एक हजार आवासों का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे आवासहीन लोगों को आवास उपलब्ध कराना है।
43. छत्तीसगढ़ गौरव योजना : छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य के ऐसे महापुरुषों जिन्होंने अपने कार्यों से प्रदेश का गौरव बढ़ाया है, के सम्मान में ‘छत्तीसगढ़ गौरव’ योजना शुरु की है। योजना के तहत् इन महानुभावों की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि रहे गांवों का समग्र
विकास कर उन्हें समस्यामुक्त किये जाने का प्रावधान है। इसके लिए 42 गांवों का चयन राज्य शासन द्वारा किया गया है। स्वतंत्रता सेनानी बाबू छोटे लाल श्रीवास्तव के गृहग्राम ‘कंडोल’ से इस योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री डॉ० रमन सिंह ने दिसम्बर, 2005 में किया।
 
44. गुरु घासीदास युवा कैरियर निर्माण योजना : यह योजना राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति के 12वीं एवं स्नातक स्तरीय परीक्षा उत्तीर्ण बेरोजगार युवाओं को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरु की गई है। इसके तहत पात्र अभ्यर्थियों को राज्य की प्रतिष्ठित निजी कोचिंग संस्थाओं में निःशुल्क प्रशिक्षण राज्य शासन द्वारा दिलाया जाता है। पांच विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए बेरोजगार युवाओं का चयन कर उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था शासन द्वारा की जाती है।
45. छत्तीसगढ़ सूचना शक्ति योजना : 16 अगस्त, 2005 से प्रारंभ की गई यह तीन नई शिक्षा परियोजनाओं में से एक है। यह योजना राज्य के हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के छात्रों के लिए है। इस योजना के तहत् राज्य के 1204 विद्यालयों में कक्षा 9 से 12वीं तक की छात्राओं को निःशुल्क तथा छात्रों को नाममात्र शुल्क के आधार पर कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी बालिकाओं तथा शहरी क्षेत्रों में अनु० जाति, अनु० जनजाति व गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों की बालिकाओं को इस योजना के दायरे में लाने का प्रावधान किया गया है।
46. एकलव्य कम्प्यूटर समर्थित स्वाध्याय योजना : टच स्क्रीन पद्धति पर आधारित इस योजना के तहत् विद्यालयों में एटीएम मशीनों की तरह स्वचालित टच स्क्रीन कम्प्यूटर स्थापित किये गए है जिन्हें बच्चे स्वयं आसानी से संचालित कर सकते हैं। इसके लिए किसी कम्प्यूटर विशेषज्ञ या प्रशिक्षक की आवश्यकता नहीं होती है। यह योजना 16 अगस्त, 2005 से प्रारंभ है।
47. इंगलिश इज फन योजना : यह योजना 16 अगस्त, 2005 को प्रारंभ की गई है। यह योजना प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पहली व दूसरी शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत् रेडियो के माध्यम से अंग्रेजी ज्ञान बच्चों को उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
48. राष्ट्रीय सम विकास योजना : इस योजना में राज्य के 16 जिलों में से 8 को शामिल किया गया है। ये जिले हैं बस्तर, दन्तेवाड़ा, कवर्धा, राजनांदगांव, कांकेर, बिलासपुर, सरगुजा एवं जशपुर । यह योजना सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन और उग्रवाद की समस्या को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई है। इस योजन के अंतर्गत प्रत्येक जिले को विभिन्न स्थानीय विकास कार्यक्रमों के लिए 15 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से तीन वर्षों तक कुल 45 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
49. स्वस्थ तन-स्वस्थ मन योजना : अनुसूचित जाति व जनजाति विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित छात्रावासों में निवासरत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों के लिए यह स्वास्थ्य सुरक्षा योजना राज्य शासन द्वारा 2007-08 में शुरु की गई है। छात्रावासों में रह रहे लक्षित विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण (माह में कम-से-कम दो बार) अधिकृत चिकित्सक द्वारा करने का प्रावधान है।
50. मिनीमाता शहरी निर्धन बीमा योजना : छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय विकास विभाग के तत्वावधान में संचालित इस योजना के तहत जीवन-बीमा निगम के माध्यम से गरीबी रेखा अथवा उसके आस-पास जीवन यापन करने वाले 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के शहरी निर्धन परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मुहैया करायी जाती है। इसके अंतर्गत वार्षिक प्रीमियम 200 रुपये देय होता है जिसमें से प्रति हितग्राही 75 रुपये राज्य शासन द्वारा तथा 100 रुपये सामाजिक सुरक्षा निधि से दी जाती है। बीमित व्यक्ति को केवल 25 रुपये की बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान करना होता है। योजना के अंतर्गत बीमित व्यक्ति की किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर 50,000 रुपये तथा सामान्य मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 20,000 रुपये की राशि दी जाती है। दुर्घटना में स्थायी रूप से विकलांग हो जाने की स्थिति में भी 50,000 रुपये की राशि दी जाती है।
51. अटल ज्योति योजना : राज्य में गांवों में विद्युत की निरन्तर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत् प्रतिमाह 40 गांवों में सिंचाई पम्पों व घरेलू कनेक्शनों के लिए अलग फीडर बनाये जा रहे हैं।
52. मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना : राज्य में निर्धनता रेखा से नीचे रह रहे लोगों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना 16 जनवरी, 2008 से, प्रारम्भ की गई है। इस योजना के तहत् लक्षित जनसंख्या को 3 रुपए प्रति किग्रा० की दर से चावल उपलब्ध कराया जाएगा। निर्धनता रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे 34 लाख परिवारों को प्रतिमाह 35 किग्रा० चावल इस मूल्य पर उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की योजना है। राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ यह योजना देश की अब तक की सबसे विशाल खाद्यान्न सुरक्षा योजना है। इस योजना में गड़बड़ी करने वालों को 7 वर्ष कठोर सजा की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार की एक विधेयक लाने की भी योजना है। इस योजना पर राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 837 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है।
53. दीनदयाल ग्रामीण आवास योजना : इस योजना के तहत् राज्य के 1 लाख ग्रामीणों को आवासीय पट्टे उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
54. ज्ञान प्रोत्साहन योजना : सितम्बर 2007 में मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में यह योजना प्रारम्भ की गई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा के परीक्षाफल की मैरिट के आधार पर चयनित अनुसूचित जाति / जनजाति के विद्यार्थियों को 10-10 हजार रुपए की पुरस्कार राशि इस योजना के तहत् मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की जाती है। वर्ष 2008 से 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विशेष पुरस्कार इस योजना के तहत प्रावधान किया गया है।
55. निर्धन कन्या सामूहिक विवाह प्रोत्साहन योजना : छत्तीसगढ़ राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग ने निर्धन कन्या सामूहिक विवाह प्रोत्साहन योजना के बारे में विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया है। इसके अनुसार पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने निर्धन परिवारों की 14000 लड़कियों का विवाह कराया। इस योजना के अन्तर्गत राज्य में पहले वर्ष 2005-06 में 4535, दूसरे वर्ष 2006-07 में 4595 तथा तीसरे वर्ष 2007-08 में 5430 विवाह सम्पन्न हुए। प्रति विवाह पर 5000 रुपए के हिसाब से इन तीन वर्षों में कुल मिलाकर 7.28 करोड़ रुपए खर्च किये गए।
56. मुख्य मंत्री बाल संदर्भ योजना : इस योजना की शुरुआत राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 6 जून, 2009 को की। उद्देश्य-गंभीर कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर लाकर राज्य के शिशु मृत्यु दर में कमी लाना।
57. किसान गुडी योजना : इस योजना की शुरुआत राजनांदगांव जिले से 2009 में की गई। उद्देश्य-राज्य के किसानों को खेती की उन्नत तकनीक की जानकारी देना तथा उनकी समस्याओं का समाधान करना।

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