छत्तीसगढ़ का पाषाण काल एवं वैदिक काल
1.पाषाण काल राज्य के महानदी घाटी के रायपुर, बिलासपुर आदि क्षेत्रों से पुरापाषाणकालीन उपकरण मिले हैं। राज्य के रायगढ़, बिलासपुर, बस्तर आदि क्षेत्रों से मध्यपाषाणकालीन उपकरण मिले हैं। राज्य के रायपुर, दुर्ग आदि क्षेत्रों से दक्षिण भारतीय संस्कृति–महापाषाणीय संस्कृति (Megalithic Culture) के पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हुए हैं।
2. वैदिक काल चूँकि ऋग्वैदिक काल में आर्यों का प्रसार-क्षेत्र पंजाब था इसलिए ‘ऋग्वेद’ में छत्तीसगढ़ का कोई उल्लेख नहीं मिलता। ‘ऋग्वेद’ में नर्मदा नदी एवं विंध्य पर्वत के उल्लेख नहीं मिलने से यह स्पष्ट होता है कि आर्य ऋग्वैदिक काल में इस क्षेत्र तक नहीं पहुँच पाए थे।
उत्तर वैदिक काल में आर्यों का प्रवेश व प्रसार छत्तीसगढ़ में हुआ। ‘कौषीतकी उपनिषद’ में विंध्य पर्वत का उल्लेख मिलता है। उत्तर वैदिक साहित्य में नर्मदा का उल्लेख रेवा के रूप में मिलता है।