भारत के प्रसिद्ध पुरुष – Sumitranandan Pant सुमित्रानन्दन पन्त First Indian Poet
सुमित्रानंद पंत ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित पहली हिंदी साहित्यकार थे। इनका जन्म 20 मई, 1900 में कौसानी, उत्तराखंड, भारत में हुआ। जन्म के कुछ समय बाद ही माँ का आंचल छिन गया। उनका पालन-पोषणा उनकी दादी ने किया। जन्म के समय उनका नाम रखा गया—गुसाईं दत्त। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा कौसानी गाँव में हुई। फिर वाराणसी से हाईस्कूल किया। इलाहाबाद में ‘म्योर सेंट्रल कॉलेज’ में प्रवश लिया, इंटरमिडिएट की परीक्षा में बैठने से पहले ही 1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल हो गई। वीणा, पल्लव, गुंजन आदि छायावादी शैली में सौंदर्य और प्रेम की प्रस्तुति है। ‘युगांत’, ‘युगवाणी’ तथा ग्राम्या में पंत के प्रगतिवादी और यथार्थपरक भावों का प्रकाशन हुआ है। ‘स्वर्ण किरण’, ‘स्वर्ण धूति’, ‘युगपथ’, ‘उत्तरा’, ‘अतिमा’ आदि में अरविंद दर्शन का प्रभाव परिलक्षित होता है। इनके अतिरिक्त ‘कला और बूढ़ा चाँद’ तथा चिदंबरा भी इनकी रचनाएं हैं। इनकी अंतर्दृष्टि तथा संवेदनशीलता ने जहाँ इनके भाव-पक्ष की गहराई और विविधता प्रदान की है। वहीं इनकी कल्पना-प्रबलता और अभिव्यक्ति कौशल ने उनके कला पक्ष को सँवारा है।