बाल श्रम (निषेध एवं नियमन) अधिनियम के तहत किस उम्र तक के बच्चों को किसी भी काम में लगाने से प्रतिबंधित किया गया है? 14 वर्ष
भारतीय संविधान 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी कारखाने या खान अथवा किसी अन्य जोखिम भरे कार्यों में लगाने की अनुमति नहीं देता। इसका उद्देश्य कम आयु के बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। इस अधिनियम की धारा-2 बाल श्रमिक का नियोजन प्रतिबंधित किया गया है। यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को 13 पेशा और 57 प्रक्रियाओं में जिन्हें बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए अहितकर माना गया है, नियोजन को निषिद्ध बनाता है। अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत अधिसूचित खतरनाक क्षेत्रों में बाल श्रमिक नियोजन पूर्णत: प्रतिबंधित है जो मुख्यतः निम्न है-
- बीड़ी बनाना, तम्बाकू प्रसंस्करण
- अगरबत्ती बनाना
- गलीचे बुनना
- आटोमोबाईल मरम्मत
- सीमेंट कारखाने में सीमेंट बनाना या थैलों में भरना
- जूट कपड़ा बनाना
- कपड़ा बुनाई, छपाई या रंगाई
- कांच का सामान बनाना
- माचिस, पटाखे या बारूद बनाना
- जलाऊ कोयला और कोयला ईंट का निर्माण
- अभ्रक या माईका काटना या तोड़ना
- चमड़ा या लाख बनाना
- साबुन बनाना
- चमड़े की पीटाई, रंगाई या सिलाई
- ऊन की सफाई
- मकान, सड़क, वाहन आदि बनाना
- स्लेट पेंसिल बनाना व पैक करना
- गुमेद की वस्तुएं बनाना
- मोटर गाड़ी वर्कशॉप व गैरेज ईंट भट्टा व खपरैल
- कृषि प्रक्रिया में ट्रेक्टर या मशीन में उपयोग
- कोई ऐसा काम जिसमें शीसा, पारा, मैगनीज, क्रोमियम, अगरबत्ती, वैक्सीन, कीटनाशक दवाई और ऐसबेस्टस जैसे जहरीली धातु व पदार्थ उपयोग में लाये जाते हैं आदि ।
- खतरनाक क्षेत्रों में बाल श्रमिक नियोजित किये जाने पर धारा-14 के अंतर्गत दोषी नियोजक को कम से कम तीन माह एवं अधिकतम 1 वर्ष का कारावास एवं कम से कम 10 हजार रूपये तथा अधिकतम 20 हजार रूपये का जुर्माना से दंडित किया जावेगा ।
10 अक्टूबर 2006 से बच्चों को घरेलू नौकर तथा ढाबों आदि में कार्य करने पर प्रतिबंध
सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि बच्चों के रोजगार (बालश्रम) को निम्न क्षेत्रों में जैसे घरेलू नौकर, ढाबा (सड़क किनारे), होटल, मोटल, चाय की दुकान, सैरगाह, पिकनिक के स्थानों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस प्रतिबंधित को बालश्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत 10 अक्टूबर 2006 से लागू किया गया है I गैर खतरनाक क्षेत्रों में बाल श्रमिक कार्य कर सकते हैं परंतु निम्न प्रावधानों का पालन किया जाना अनिवार्य है।
- 1. बच्चों से 6 घंटे से अधिक समय तक काम नहीं करवाया जा सकता है।
- 2. एक साथ तीन घंटों से ज्यादा उनसे काम नहीं किया जा सकता है ।
- 3. रात के 7 बजे से लेकर सुबह 8 बजे के बीच में उनसे कोई भी काम नहीं लिया जा सकता।
- 4. सप्ताह में उन्हें कम से कम एक दिन छुट्टी दी जानी चाहिए।