स्वतंत्र सेनानी
लोकमान्य तिलक 1856-1920 गणेश चतुर्थी और शिवाजी राज्याभिषेक दिवस उत्सवों को प्रारंभ किया. 1916 में होल रूल आंदोलन में भाग लिया. अंग्रेजों द्वारा “सबसे बड़ा देशद्रोही” और “भारतीय असंतोष का जनक” कहा जाता था.
शेर-ए-पंजाब लाला लाजपत राय
राजद्रोहात्मक आरोपों के साथ मांडले जेल भेजे गए.
श्री अरविन्द घोष
राष्ट्रीय शिक्षा के विकास और बन्दे मातरम के संपादन (बिपिन चन्द्र पाल द्वारा शुरू किया गया) के उनके कार्य ने बंगाल विभाजन आंदोलन को अत्यधिक गति दी.
कलकत्ता के नेशनल कॉलेज में कार्य करने के लिए बड़ौदा की अपनी अच्छी नौकरी छोड़ी.
चापेकरबंधू – दामोदर चापेकर और बालकृष्ण चापेकर ने दो अंग्रेज अफसरों रैंड और आर्टिस्ट की हत्या कर दी.
सावरकर बंधू
गणेश सावरकर, विनायक दामोदर सावरकर और नारायण सावरकर. वी. दी. सावरकर ने लन्दन में न्यू इंडिया एसोसिएशन का गठन किया. श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा स्थापित इंडिया हाउस में भाषणों का आयोजन करते थे. औरंगाबाद में जैक्सन की हत्या से उनका जोड़ा गया.
1911-24 तक अंडमान में कैद की सजा दी गई. बाद में दो उम्रकैद की सजा और काला पानी.
श्यामजी कृष्ण वर्मा
इंडिया हाउस विनायक दामोदर सावरकर, सरदार सिंह रना, मैडम भीकाजी कामा और मदनलाल धींगरा का केंद्र हुआ करता था. मैडम कामा ने जर्मनी के स्टुटग्राद में हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
मदन लाल धींगरा
इन्होने भारत राज्य सचिव कर्ज़न वायली के सहायक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. गोपाल कृष्ण गोखले ने इसे भारत का नाम ख़राब करने वाला एक घृणित कार्य बताया था.
चंद्रशेखर आज़ाद
भगत सिंह, राजगुरु के साथ सांडर्स (जिस लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई उसकी आज्ञा देने वाला अफसर) हत्या में शामिल. इन्होने उस ट्रेन को उड़ाने की योजना बनाई थी जिसमें वायसराय लार्ड इरविन यात्रा कर रहे थे. इलाहबाद के अल्फ्रेड पार्क में एक पुलिस एनकाउंटर में ये शहीद हो गए.
हरकिशन तलवार
पंजाब के गवर्नर को गोली मारी लेकिन बाद में केवल घायल होने पर भाग गए. बाद में इन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया.
भगत सिंह
छाबिल दास और यशपाल के साथ पंजाब नौजवान भारत सभा की स्थापना की.
रानी गाइदिनल्यु
इन्होने नागा विद्रोह का नेतृत्व किया. यदुगंगा एक अन्य नेता थे.
सुभाष चन्द्र बोस
1920 में सिविल सेवा परीक्षा पास की लेकिन देश के कार्य को प्राथमिकता दी. 1923 में आप कलकत्ता के महापौर निर्वाचित हुए लेकिन शीघ्र ही गिरफ़्तार कर मांडले जेल भेज दिए गए. 1938 में कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में अध्यक्ष नियुक्त किये गए. वे अपने मित्र भगत राम के साथ काबुल चले गए और फिर वहां से हिटलर से मिलने जर्मनी चले गए. उन्हें पहली बार जर्मनी में नेताजी संबोधित किया गया था.
उधम सिंह
1940 में इंग्लैंड में रहते हुए, उधम सिंह ने पंजाब के पूर्व गवर्नर माइकल ओ डायर को गोली मार दी.