छत्तीसगढ़ में कितने जिले हैं ? 33 CG New District GK 2023
छत्तीसगढ़ में नये जिलों के गठन के बाद हुए परिवर्तन 2023 अपडेट
CG Distric GK Questions 2023 | छत्तीसगढ़ जिला सामान्य ज्ञान
- छत्तीसगढ़ राज्य में कुल जिलों की संख्या – 33
- सर्वाधिक जिलों वाला संभाग – बिलासपुर (8 जिले)
- न्यूनतम जिलों वाला संभाग – रायपुर (5 जिले)
- सीमावर्ती जिलों की संख्या – 22
- भू-आवेष्ठित जिलों की संख्या – 11
- (पहले 10 थे, 11वां भू-आवेष्ठित जिला सक्ती)
- क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा जिला – कोरबा
- क्षेत्रफल के आधार पर सबसे छोटा जिला – मनेन्द्रगढ़ – भरतपुर- चिरमिरी
- कर्क रेखा अब छत्तीसगढ़ के कुल 4 जिलों से गुजरती है (मनेन्द्रगढ़, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर)।
- छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक जिलों के साथ सीमा बनाने वाला राज्य – मध्यप्रदेश (9 जिले)
- सर्वाधिक जिलों के साथ सीमा बनाने वाला जिला – कोरबा (9 जिलों के साथ)
- छत्तीसगढ़ के 22 जिले अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है जिसमें से 16 जिले पूर्णतः व 6 जले अंशतः शामिल हैं।
- अब छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास में प्रसिद्ध गुंजी नामक स्थल जांजगीर चांपा की जगह अब सक्ती जिला में आता है।
- महानदी बेसिन प्राकृतिक प्रदेश का विस्तार अब छत्तीसगढ़ के 20 जिलों तक होगा।
- पूर्वी बघेलखण्ड का पठार प्राकृतिक प्रदेश का विस्तार अब 5 जिलों तक होगा।
- शिवनाथ नदी का उद्गम राजनांदगांव की जगह मोहेला-मानुपर-अंबागढ़ चौकी जिला है।
- रायगढ़ में आने वाला गोमर्दा अभ्यारण्य सांरगढ़ -बिलाईगढ़ जिले के अंतर्गत आ रहा है।
- आमनेर, मुरकी व पिपरिया नदी का उद्गम राजनांदगांव की जगह खैरागढ़ -छुईखदान-गंडई जिला है।
- सीतामढ़ी हरचौका नामक पर्यटन स्थल कोरिया जिला की जगह मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के अंतर्गत है।
घोषणा – खैरागढ़ जिले का घोषणा 16-17 अप्रैल 2022 को किया गया। 15 अगस्त 2021 स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर CM भूपेश बघेल ने की घोषणा = बनेंगे चार नए जिले– मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, सारंगढ़ मानपुर-मोहला चौकी, सक्ति और सारंगढ़-बिलाईगढ़ की घोषणा की गई । नए जिलों के गठन के बाद राज्य में अब 33 जिले होंगे। अधिसूचना अप्रैल 2022 प्रस्तावित
cg current affairs 2021-22 latest update
छत्तीसगढ़ में कुल जिला संख्या 33
अंतर राज्य सीमा पर स्थित जिला 21
भू आवेष्ठित जिला 11
33 वा जिला खैरागढ़
छत्तीसगढ़ में जिलों का गठन पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
- खैरागढ़ जिले का घोषणा 18 अप्रैल को किया गया।
- खैरागढ़ 33 वा जिला होगा
- छत्तीसगढ़ का 28वां जिला – गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
- छत्तीसगढ़ का 29वां जिला – मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी
- छत्तीसगढ़ का 30वां जिला -सारंगढ़-बिलाईगढ़
- छत्तीसगढ़ का 31वां जिला – खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
- छत्तीसगढ़ का 32वां जिला – मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर
- छत्तीसगढ़ का 33 वां जिला -सक्ति
- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का उद्घाटन 10 फरवरी 2020 को किया गया था।
- छत्तीसगढ़ में 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आया एक नया जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही |
- सन् 1854 में छ.ग. क्षेत्र में 3 तहसीलें – रायपुर ,रतनपुर व धमतरी थी।
- सन् 1862 में छ. ग. क्षेत्र को नागपुर प्रेसीडेंसी (मध्य प्रान्त)का एक संभाग बनाया गया था।
- ब्रिटिशकाल में छ.ग. क्षेत्रों की तहसीलों का पुनर्गठन सर्वप्रथम फरवरी 1857 में हुआ था।
- अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1998 तक छ.ग. क्षेत्र 7 जिलों में विस्तारित था।
- सन् 1998 में छ.ग. क्षेत्र के 7 जिले विभाजित होकर 16 जिलों में गठित किये गये थे।
- सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के समय 16 जिले थे।
- सन् 2007 में छ.ग. राज्य में 2 नवीन जिले बनाये जाने के बाद जिलों की संख्या 18 हो गयी।
- सन् 2012 में छ.ग. राज्य में 9 नवीन जिले बनाये जाने के बाद जिलों की संख्या 27 हो गयी।
- रायपुर जिले का गठन नवम्बर 1861 को हुआ था।
- बिलासपुर जिले का गठन सन् 1861 को हुआ था।
- ब्रिटिश काल में बस्तर सन् 1885 में जिला बनाया गया था।
- आजादी के पूर्व बस्तर गोदावरी संभाग का हिस्सा था।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद छ.ग. क्षेत्र में बस्तर जिले का गठन 1948 में हुआ था।
- सन् 1905 में कोरिया एवं जशपुर मध्यप्रांत में सम्मिलित हुए थे।
- सन् 1905 में बंगाल प्रान्त की 5 रियासतें मध्यप्रांत में सम्मिलित हुई थी।
- दुर्ग जिले का निर्माण सन् 1906 में हुआ था।
- सरगुजा छ.ग. क्षेत्र का जिला सर्वप्रथम सन् 1948 में बना था।
- अक्टूबर 1956 तक जशपुर छोटा नागपुर कमीश्नरी संभाग के अन्तर्गत था।
- सन् 1972 में राजनांदगाँव जिला दुर्ग जिले से अलग होकर अस्तित्व में आया।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से राजनांदगांव सबसे बड़ा जिला है।
- रायपुर क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला है।
- छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा/रायगढ़/राजनांदगाँव जिले में सबसे अधिक विकासखण्ड हैं।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी तहसील छ.ग. के कोरबा जिले में स्थित है।
- नारायणपुर सबसे कम तहसील वाला जिला है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग बस्तर है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से बिलासपुर सबसे छोटा संभाग है।
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग रायपुर है।
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग सरगुजा है।
- छत्तीसगढ़ में आदिवासी विकासखण्डों की संख्या 85 है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी तहसील पोडी उपरोड़ा है, जो कोरबा जिले में है।
- छ.ग. में सर्वाधिक (सात) जिलों से घिरा जिला बलौदाबाजार है।
- छ.ग. राज्य की स्थापना के समय राज्य में 3 संभाग रायपुर, बिलासपुर व बस्तर था।
- 1 अप्रैल 2008 से राज्य के 4 थे, संभाग सरगुजा का गठन हुआ है।
- बस्तर संभाग में 07 जिले, 32 तहसीलें व 32 विकासखण्ड हैं।
- कवर्धा जिले का गठन सन् 1998 में राजनांदगाँव जिले से विलग किया गया था।
- 1998 में सरगुजा जिले से अलग होकर 1 जिले (कोरिया) का गठन हुआ था।
- 1998 को बस्तर जिले से अलग होकर 2 जिले (कांकेर व दंतेवाड़ा) का गठन हुआ था।
- 1998 में रायपुर जिले से अलग होकर 2 जिले (धमतरी एवं महासमुन्द) का गठन हुआ था।
- महासमुन्द को पृथक जिले का दर्जा 6 जुलाई 1998 को मिला था।
- 1 मई 2007 को दंतेवाड़ा जिले से अलग होकर बीजापुर जिले का गठन हुआ।
- 1 मई 2007 को बस्तर जिले से अलग होकर नारायणपुर जिले का गठन हुआ था।
- 1 जनवरी 2012 को दुर्ग जिले से अलग होकर 2 जिले (बालोद व बेमेतरा) का गठन हुआ।
- 1 जनवरी 2012 को बिलासपुर जिले से अलग होकर मुंगेली जिले का गठन हुआ है।
- 1 जनवरी 2012 को बस्तर जिले से अलग होकर कोण्डागाँव जिले का गठन हुआ।
- 1 जनवरी 2012 को रायपुर जिले से अलग होकर गरियाबंद जिले का गठन हुआ है।
- 1 जनवरी 2012 को रायपुर जिले से अलग होकर बलौदाबाजार जिले का गठन हुआ।
- 1 जनवरी 2012 को सरगुजा जिले से अलग होकर बलरामपुर जिले का गठन हुआ है।
- 1 जनवरी 2012 को सरगुजा जिले से अलग होकर सूरजपुर जिले का गठन हुआ है। |
- 1 जनवरी 2012 को दंतेवाड़ा जिले से अलग होकर सुकमा जिले का गठन हुआ है।
- रायगढ़ जिले के पूर्व में उड़ीसा राज्य की सीमा रेखा बनती है।
- कबीर पंथियों का धर्मनगर ‘दामाखेड़ा’ छ.ग. की सिमगा तहसील में स्थित है।
- सारंगढ़ तहसील के नाम से पूर्व में एक लोकसभा क्षेत्र था।
- रायपुर जिले में 04 तहसील/विकासखण्ड है।
- बीजापुर जिला छ.ग. के पाँच जिलों से घिरा है।
- जांजगीर-चांपा/रायगढ़/राजनांदगांव सबसे ज्यादा तहसील वाले जिले है।
- बलौदाबाजार जिले में 07 तहसील /विकासखण्ड है।
- गरियाबन्द जिला छ.ग. के तीन जिलों से घिरा है।
- सबसे ज्यादा जिले रायपुर संभाग में हैं।
- दुर्ग जिला छ.ग. के कितने पाँच जिलों से घिरा है।
- धमतरी जिला छ.ग. के छह जिलों से घिरा है।
- अबूझमाड़ तहसील नारायणपुर जिले में है।
- राज्य में न्यूनतम विकासखण्ड वाला जिला नारायणपुर है।
- राजधानी रायपुर जिला छ.ग. के छह जिलों से घिरा है।
- कांकेर जिले में 07 तहसील/विकासखण्ड है।
- गरियाबंद जिले में 05 तहसील/विकासखण्ड है।
- कवर्धा जिले में 05 तहसील /विकासखण्ड है।
- बीजापुर जिले में 04 विकासखण्ड/तहसील है।
- बेमेतरा जिला छ.ग. के छह जिलों से घिरा है।
- दुर्ग जिले में 03 तहसील/विकासखण्ड है।
- मुंगेली जिले में 03 तहसील/विकासखण्ड है।
- सिंहदेव समिति के रिपोर्ट के आधार पर 1998 में 09 जिले अस्तित्व में आये थे।
- बलरामपुर जिले में 06 तहसील /विकासखण्ड है।
- बालोद जिले में 05 तहसील/विकासखण्ड है।
- रायगढ़ जिले में 09 तहसीले /विकासखण्डहैं।
- कोण्डागाँव जिले में 05 तहसील/विकासखण्ड है।
- सुकमा जिले में 03 तहसील/विकासखण्ड है।
- राजनांदगाँव जिले में 10 तहसील/विकासखण्ड है।
- कोरबा जिले में 05 तहसील/विकासखण्ड है।
- जांजगीर-चांपा जिले में 10 तहसील/विकासखण्ड हैं।
- बस्तर जिले में 07 तहसीले/विकासखण्ड है।
- दुर्ग जिले का प्राचीन नाम शिव दुर्ग था।
- धमतरी जिले का प्राचीन नाम धर्मतराई था।
- खल्लारी का प्राचीन नाम मृतकागढ़ था।
- बस्तर का प्रवेश द्वार केशकाल को कहा जाता है।
- दंतेवाड़ा जिला अतीत में तारलापाल ग्राम के नाम से जाना जाता था।
- सारंगढ़ नगरी का प्राचीन नाम सहरागढ़ था।
- रतनपुर का सतयुग में ‘मणिपुर’, त्रेतायुग में ‘मणिकपुर’ और द्वापर में हीरापुर’ था।
- राजनांदगाँव जिले का प्राचीन नाम नदंग्राम था।
- बालोद नगर का निर्माण राजा बालाशाह ने करवाया था।
- पाटन तहसील का प्राचीन नाम भांगपुर था।
- कांकेर जिले का प्राचीन नाम कंक नगरी था।
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