मलेरिया मुक्त छत्तीयगढ़ / बस्तर अभियान
वर्ष 2020 से
· शुरुआत : वर्ष 2020 से (बस्तर जिले से – मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के रूप में)
· सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में विस्तार : वर्ष 2021 से
· अभियान का प्रमुख उद्देश्य : राज्य से मलेरिया को खत्म करना है और कुपोषण जैसी चुनौतियों का भी उपाय ढूंढना है।
· प्रमुख प्रावधान : इसके तहत मलेरिया की जांच और इलाज के साथ ही इससे बचाव के लिए जन-जागरूकता संबंधी गतिविधियां भी चलाई जा रही हैं।
इस अभियान को अबतक 7 चरणों में चलाया जा चुका हैं –
· प्रथम चरण – जनवरी-फरवरी 2020 में
· द्वितीय चरण – जून-जुलाई 2020 में
· तीसरा चरण – दिसंबर 2020- जनवरी 2021 में
· चौथा चरण – जून-जुलाई 2021 में
· पांचवां चरण – नवंबर-दिसंबर 2021 में
· छठवां चरण – मई 2022 में
· सातवाँ चरण – 1 दिसंबर 2022 में शुरु किया गया।
उल्लेखनीय हैं कि प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सातवें चरण की शुरूआत 1 दिसम्बर से हो गयी हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के चार मलेरिया संवेदी जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा में एक माह तक यह अभियान संचालित किया जाएगा।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत मलेरिया की जांच और इलाज के साथ ही इससे बचाव के लिए जन-जागरूकता संबंधी गतिविधियां भी चलाई जाएंगी।
प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पिछले छह चरणों के नतीजे इस प्रकार हैं –
· प्रदेश में वर्ष 2018 में वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई दर) 2.63 था, जो अभी घटकर 0.92 पर आ गया है।
· बस्तर के साथ-साथ समूचे छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण की दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर तक पहुंच चुकी है।
· मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के छटवें चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सात लाख छह हजार घरों में जाकर 33 लाख 96 हजार 998 लोगों की मलेरिया जांच की थी।
यदि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के जनवरी 2020 के प्रथम चरण और छठवें चरण को तुलनात्मक रूप से देखा जाए पूरे बस्तर संभाग में प्रथम चरण में मलेरिया सकारात्मकता दर जहां 4.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी। वहीं छठवें चरण में यह घटकर मात्र 0.21 ही रह गई है।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के प्रथम चरण में 64 हजार 646 मलेरिया केस दर्ज किये गए थे। वहीं छठवें चरण में केवल 7 हजार 170 केस पाए गए थे।
उल्लेखनीय हैं कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का छठवां चरण 17 मई से शुरू किया गया था।