छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का वैज्ञानिक तरीके से उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ चालू किया हैं।
10 सितंबर, 2021
कोदो, कुटकी और रागी के उत्पादन में वृद्धि कर
CG Millet Mission Yojana
मिशन की शुरुआत -10 सितंबर, 2021
मिलेट मिशन का उद्देश्य क्या है ? कोदो, कुटकी और रागी के उत्पादन में वृद्धि कर किसानों की आय में वृद्धि करना है।
- किसानो को छोटी अनाज व फसलों के लिए उचित मूल्य दर प्रदान करना ।
- बच्चों, महिलाओं तथा नागरिकों के लिए पोषक आहार की उपलब्धता बढ़ाना और कुपोषण की समस्या को कम करना ।
बढ़ावा – कोदो, कुटकी एवं रागी (लघु धान्य फसल)
लाभार्थी – छत्तीसगढ़ राज्य के लघु धान्य फसलों के उत्पादक किसान
एमओयू (त्रिपक्षीय)
- 1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च (IIMR) हैदराबाद
- 2. छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ
- 3. छत्तीसगढ़ राज्य के 14 जिले
एमओयू में सम्मिलित जिले 1. कोण्डागांव 2. बस्तर 3. दंतेवाड़ा 4. सुकमा 5. नारायणपुर 6. कांकेर 7. बीजापुर 8. जशपुर 9. सूरजपुर 10. बलरामपुर 11. कोरिया 12. कबीरधाम 13. राजनांदगांव 14. गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही
छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन ?
- छत्तीसगढ़ के 20 जिलों के 85 विकासखण्डों में मिलेट का उत्पादन होता है।
- छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ के ऐसे किसान जो लघु धान्य फसल उगाते हैं, उनको इनपुट सहायता फसलों को उगाने से जुड़ी तकनीक, विशेषज्ञों द्वारा परामर्श और उनके लघु धान्य फसलों के सही दाम दिलाना जैसे लाभ दिए जाएंगे।
- इस मिशन के तहत राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को भारत का मिलेट हब बनाना चाहती है। छत्तीसगढ़ की सरकार अपने राज्य में हो रहे लघु धान्य फसलों की बढ़ोत्तरी पूर्णरूप से कराना चाहती है ।
- राज्य सरकार द्वारा आदान सहायता, समर्थन मूल्य पर खरीदी, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की विशेष पहल .
- मिलेट के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रावधान लाभ
- छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलेट मिशन के तहत पांच वर्षों में 170.30 करोड़ रूपए व्यय करने का प्रावधान किया है ।
- छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां समर्थन मूल्य पर कोदो-कुटकी की 3000 /- रूपये और रागी की 3377 /- प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है। इनके प्रसंस्करण और मार्केटिंग की व्यवस्था भी छत्तीसगढ़ सरकार ने की है।
- कोदो-कुटकी, रागी की खेती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सब्सिडी देने वाला देश का एकमात्र राज्य छ.ग. है ।
- राज्य के मिलेट उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9000 रूपए की आदान सहायता दी जा रही है। मिलेट के वैल्यू एडिशन से किसानों को आर्थिक लाभ और रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
- धान के बदले कोदो-कुटकी और रागी लेने पर 10000 रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता ।
- चयनित जिलों में कलस्टर एप्रोच से मिलेट की खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानी दुगुना किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से राज्य में मिलेट की खेती के लिए बेहतर बीज, तकनीक और कृषकों के प्रशिक्षणमें सहयोग मिल रहा है
- कांकेर जिले में अवनि आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 5.5 करोड़ रूपए की लागत से मिलेट आधारित एकीकृत संयंत्र की स्थपना का काम जारी है।
- मिलेट सीड बैंक बस्तर, सरगुजा, कवर्धा और राजनांदगांव में स्थापित होंगे।
लाभ
- मिलेट के वैल्यू एडिशन से किसानों का आर्थिक लाभ और रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
- मात्र एक वर्ष की अवधि में मिलेट की खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टयर हो गया है
- कोदो-कुटकी का सेवन पोषण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभकारी है।
- रागी में कैल्शियम, आयरन, फायबर और प्रोटीन भरपूर होता है। इसका सेवन एनिमिक एवं गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चो के लिए लाभकारी है।
- मिलेट की खेती में धान की तुलना में सिर्फ एक चौथाई पानी की जरूरत होती है।
- हार्डी नेचर के कारण अल्प वर्षा अथवा मानसून ब्रेक होने पर भी मिलेट की अच्छी फसल होती है
उपलब्धि
- छत्तीसगढ़ राज्य पोषक अनाज अवार्ड-2022 से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुआ है
- छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों की देश में हो रही है सराहना ।
विशेष
- इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 में मनाया जाएगा।
- 2023 तक छत्तीसगढ़ मिलेट हब के रूप में पहचान बनाने में सफल होगा।
प्रमुख बिन्दु
- मिलेट उत्पादन (कोदो, कुटकी और रागी) में इनपुट सब्सिडी देने वाला छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र राज्य हैं।
- मिशन का मुख्य फोकस: बस्तर और आदिवासी अंचल के जिलों में ।
- इस मिशन के तहत कोदो, कुटकी और रागी उत्पादन वाले गांवों में छोटी-छोटी
- प्रसंस्करण इकाईयां लगाई जाएंगी और पैकेजिंग की इकाईयां स्थापित की जाएंगी।
- मिलेट्स की खपत और बढ़ाने के लिए गढ़कलेवा के व्यंजनों की सूची में
- कोदो, कुटकी और रागी से तैयार व्यंजनों को भी शामिल किया जाएगा।
- कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9,000 रूपए और धान के बदले कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को
- 10,000 रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।
- राज्य सरकार ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ में कोदो-कुटकी और
- रागी की फसलों को शामिल कर इनके लिये इनपुट सब्सिडी देने का भी प्रावधान किया गया है।
- राज्य सरकार ने मिलेट मिशन के लिए 170 करोड़ 30 लाख रुपयों (आगामी 5 वर्षों के लिए) का प्रबंध किया हैं।
इस मिशन के प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ के 14 जिलों को शामिल किया गया है
- बस्तर संभाग से 07 जिले: कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दांतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा।
- दुर्ग संभाग से 02 जिले कवर्धा, राजनांदगांव ।
- बिलासपुर संभाग से 01 जिले : गौरेला पेंड्रा – मरवाही ।
- सरगुजा संभाग से 04 जिले बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर और जशपुर ।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
- वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 20 जिलों में मिलेट फसलों का उत्पादन होता हैं।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलेट मिशन के माध्यम से वर्ष 2023 तक छत्तीसगढ़
- को देश में मिलेट हब के रूप में पहचान बनाने का लक्ष्य रखा है।
- छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है।
- कोदो – कुटकी की समर्थन मूल्य पर 3000 प्रति क्विंटल की दर से तथा रागी की खरीदी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है।
- • वर्ष 2021-22 में राज्य के 11 जिलों के 171 कृषकों द्वारा 3089 विचंदूल 15 प्रमाणित बीज का उत्पादन किया गया, जिसे बीज निगम ने 4150 रुपए प्रति
- क्विंटल की दर से किसानों से क्रय कर उन्हें एक करोड़ 28 लाख 18 हजार रूपए से अधिक की राशि भुगतान किया है।
- वर्तमान में राज्य में कोदो कुटकी तथा रागी का रकबा एक लाख 88 हजार हेक्टेयर हैं।
- सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है। इसके पूर्व यह लक्ष्य प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल था।
- • अब राज्यमें संजीवनी हर्बल के नाम से मिलेट मिशन में बने उत्पाद बिकेंगे।
- • छत्तीसगढ़ के 20 जिलों के 85 विकास खण्डों में मिलेट्स का उत्पादन होता है।
- बस्तर, सरगुजा, कवर्धा और राजनांदगांव में लघु धान्य फसलों के सीड बैंक स्थापित किए जाएंगे।
मिलेट मिशन को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड
गौरतलब है कि मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। राज्य में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इसको राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है।