छत्तीसगढ़ शिक्षाविद् सामान्य ज्ञान
छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान Cg Mcq Question Answer in Hindi: Click Now
- धर्म प्रकाश अग्रवाल (जन्म : 12 अप्रैल, 1945) : बालौद निवासी श्री अग्रवाल अमेरिका के ‘नॉर्थ कैरोलीना स्टेट विश्वविद्यालय’ के कम्प्यूटर इन्जीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं। विश्वव्यापी यात्रा कर चुके श्री अग्रवाल को उत्कृष्ट सेवा एवं शोध कार्य हेतु अनेकानेक बार पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जा चुका है।
- एस. एम. अग्रवाल : श्री अग्रवाल को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का कुलपति रहने का गौरव प्राप्त है।
3.डॉ० अनवार आलम (जन्म: 5 जुलाई, 1945) : इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ० अनवार ने कृषि क्षेत्र में अनुसन्धान करके विश्वव्यापी ख्याति अर्जित की है। उन्हें अनेकानेक बार सम्मानित किया जा चुका है।
- डॉ० खेतराम चन्द्राकर (जन्म : 3 मार्च, 1935) : भुजगहन निवासी डॉ० चन्द्राकर ब्रिटेन के ‘सैल्फोर्ड विश्वविद्यालय’ में प्रोफेसर हैं। भौतिक शास्त्री डॉ० चन्द्राकर ने देश विदेश में अनेकानेक विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रूप में भाषण दिए हैं। उनके अनेकानेक शोध-पत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर उन्हें पुरस्कृत एवं सम्मानित करने में सहायक बने हैं।
- डॉ० आनन्द शंकर दवे (जन्म : 19 दिसम्बर, 1929) : भूगर्भशास्त्री डॉ० दवे ने छत्तीसगढ़ क्षेत्र में भू-जल के वैज्ञानिक तलाश की पद्धति विकसित करके अपार ख्याति अर्जित की है। अनेकानेक संस्थाओं से सम्बद्ध डॉ० दवे को अनेक बार सम्मानित किया गया है।
- डॉ० इन्द्रदेव (जन्म : 12 अगस्त, 1932) : पं० रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इमेरेटिस प्रोफेसर डॉ० देव ने देश के अनेकानेक विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध रहकर जो शोध-कार्य किए हैं, उनके अनेकानेक विदेशी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हुए हैं। समाजविज्ञानी डॉ० देव ने विश्वव्यापी भ्रमण किया है। उन्हें अनेक बार सम्मानित किया गया है।
- डॉ० कृष्ण कुमार झा (जन्म : 22 नवम्बर, 1932) : बस्तर के प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ० झा ने अध्ययन-अध्यापन, लेखन, पत्रकारिता के साथ ही विश्वभ्रमण भी किया है। उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक तथा साहित्यिक उपलब्धियों के लिए उन्हें निरन्तर सम्मानित किया जाता रहा है।
- सरयूकांत झा (जन्म : 13 अक्टूबर, 1924) : रायपुर के सुविख्यात शिक्षाविद् श्री झा अनेकानेक शैक्षणिक संस्थाओं से सम्बद्ध रहे हैं। उनकी 5 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने विश्व हिन्दी सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व किया है।
9.डॉ० रामलाल कश्यप (जन्म: 1 जुलाई, 1933) : पं० रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ० कश्यप एक ऐसे कृषि वैज्ञानिक हैं, जिनकी उपलब्धियाँ अपार हैं और वह भी विविध क्षेत्रों में। वह एक विश्व-ख्याति के शिक्षाविद् तथा कृषि-वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक शिक्षा संरक्षक भी हैं। उन्होंने राज्य में अनेकानेक शिक्षा संस्थाओं की संस्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी अंग्रेजी में लगभग 95 तथा हिन्दी में 75 शोध-पत्र, 40 शोध सर्वेक्षण तथा 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें अनेकानेक बार सम्मानित किया गया है।
- डॉ० लक्ष्मी शंकर निगम (जन्म : 15 मार्च, 1950) : शासकीय महाविद्यालय रायपुर के प्रोफेसर डॉ० निगम ने छत्तीसगढ़ क्षेत्र के पुरातात्विक स्थलों का सर्वेक्षण एवं अनुसन्धान करके जो लेखन कार्य किया है, उसे विषय-विशेषज्ञों ने मुक्त कण्ठ से सराहा है। उन्होंने पुस्तक लेखन के साथ ही शोध-पत्रों का पाठन तथा शोध सर्वेक्षणों के निर्देशन हेतु समुचित ख्याति अर्जित की है। उन्हें अनेकानेक बार पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जा चुका है।
- डॉ० शोभा निगम : छत्तीसगढ़ शासकीय महविद्यालय की प्रोफेसर डॉ० निगम के लेख, कथाएं तथा अन्य सर्वेक्षणात्मक लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। वे दैनिक देशबन्धु की स्तम्भकार के रूप में भी चर्चित हैं। उनकी 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें ‘डालमिया अवार्ड’ आदि से पुरस्कृत किया गया है।
- डॉ० राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय (जन्म : 25 जुलाई, 1935) : नव-छत्तीसगढ़ी अकादमी के अध्यक्ष डॉ० पाण्डेय ने राज्य के अनेक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध रहकर दर्शनशास्त्र विषयक 5 पुस्तकों तथा लगभग 100 लेखों का प्रकाशन कराया है। उन्होंने अनेकानेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें अनेकानेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। माना
- डॉ० भगवत कुमार श्रीवास्तव (जन्म : 1 जून, 1930) : ‘जवाहर लाल नेहरू यूनीवर्सिटी’ के ‘स्कूल ऑफ इण्टरनेशनल स्टडीज’ के पूर्व डीन डॉ० श्रीवास्तव को पं० रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहने का अवसर मिला है। इनकी अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर 7 से अधिक पुस्तकें तथा लगभग 100 से अधिक राजनीति विषयक लेख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
- राम नारायण शुक्ला (जन्म : 30 मई, 1928) : अनेकानेक शैक्षणिक संस्थाओं के संचालक-संस्थापक श्री शुक्ला ने साहित्यिक समारोहों का आयोजन करके शिक्षा एवं
साहित्य क्षेत्रों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है। इनकी 10 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
- डॉ० राम कृपाल सिंह (जन्म : 1 जुलाई, 1941) : ‘गुरु घासीदास विश्वविद्यालय’ के कुलपति रहे डॉ० सिंह अनेकानेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा संस्थाओं से सम्बद्ध हैं। इनकी भौतिकशास्त्र विषयक 5 पुस्तकें तथा 300 से अधिक शोध-पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें लगभग 40 शोधार्थियों का मार्ग दर्शन भी किया है। उन्होंने अनेकानेक देशों की अध्ययन यात्राएं की हैं। उन्हें अनेक बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
- डॉ० सुरेश प्रसाद सिंह (जन्म: 20 जनवरी, 1952) : देश की अनेक शैक्षणिक शिक्षा संस्थाओं से सम्बद्ध डॉ० सिंह के गणित विषयक लगभग 40 शोध-पत्र तथा 5 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें अनेक बार देशी-विदेशी पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा चुका है।
- डॉ० रन कुमार ठाकुर (जन्म: 16 मई, 1934) : प्रख्यात भौतिकशास्त्री डॉ० ठाकुर ने अनेकानेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ‘एस्ट्रोलोजी’ एवं ‘एस्ट्रोफिजिक्स’ की संस्थाओं से सम्बद्ध रहकर जो शोध-कार्य किया है, उसे अनेक देशी-विदेशी संस्थाओं ने पुरस्कृत किया है।
- डॉ० हर्षवर्धन तिवारी (जन्म: 18 अक्टूबर, 1944) : ‘पं० रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय’ के इलेक्ट्रॉनिक विभाग के प्रोफेसर डॉ० तिवारी के 125 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने विश्वव्यापी अध्ययन-भ्रमण किया है।
- डॉ० हनुमन्त यादव (जन्म : 2 मई, 1942) : प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ० यादव की 4 पुस्तकें तथा 100 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने अनेक देशों की यात्राएं भी की हैं।