छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ
छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान Cg Mcq Question Answer in Hindi: Click Now
परीक्षा में पूछे गए विविध तथ्य –
छत्तीसगढ़ में घोषित 42 अनुसूचित जनजाति (ST) समूह है ।
- * छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में 5वी अनुसूची की व्यवस्था लागू है ।
- * छत्तीसगढ़ का जनजाति अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण संसथान रायपुर में है ।
- * बस्तर को जनजाति की भूमि के नाम से जाना जाता है ।
वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़े
- जनजातियों की मूल विशेषताएं बताइये । ( 10 Marks)
जनजातियों की विशेषताएँ:-
- ये प्रायः सभ्य जगत से दूर दुर्गम स्थानों मं निवास करते है।
- इनकी अपनी एक जनजातीय भाषा होती है।
- इनके समूह का अपना नाम पारस्पारिक व्यवहार के नियम और निषेध होते है।
- इनका आदिम धर्म होता है।
- इनकी अपनी सामान्य संस्कृति व सुरक्षात्मक संगठन होते हैं।
- इनका एक स्वतंत्र संगठन होता है वे जनजातीय व्यवसायों को अपनाते है।
- एक जनजाति अनेक परिवारों के समूहों का संकलन होता है।
- इनका स्वभाव सीधा-सादा एवं भोला-भाला होता है।
- पिछड़ापन ही इनकी प्रमुख विशेषता है।
छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजातियाँ
- भारत सरकार ने 5वीं अनुसूची के अनुसार छत्तीसगढ़ की 5 जनजातियों को विशेष पिछड़ी जनजाति के अंतर्गत शामिल किया है ।
- जबकि 2012 में छग सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करके दो और जनजातियों भूंजिया व पंडो को इस श्रेणी में शामिल किया । जिससे इनकी संख्या 7 हो गयी है । इसलिए पहले छग में मुख्यत: 5 विशेष पिछड़ी जनजातिया थी ।
केंद्र सरकार द्वारा घोषित |
अबूझमाड़िया – नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर |
बैगा – कबीरधाम,बिलासपुर, कोरिया, राजनांदगाव,मुंगेली |
बिरहोर – रायगढ़, जशपुर, बिलासपुर, कोरबा कमार – गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, कांकेर |
पहाड़ी कोरवा – सरगुजा, जशपुर, कोरबा, बलरामपुर |
राज्य सरकार द्वारा 2012 में घोषित |
भुंजिया – गरियाबंद, धमतरी |
पण्डो – सूरजपुर, बलरामपुर,सरगुजा |
CGSC AND CG VYAPAM IMP GK |
TRICK – अबु (अबूझमाड़िया) ने बैगा को बुलाया क्योंकि बिरू(बिरहोर) को पहाड़ में चढ़ने के कारन उसकी कमर (कमार) में दर्द हो रहा था. बैगा ने अन्डो (पण्डो) को भूंज (भुंजिया) कर उसे खिला दिया
कमार विकास अभिकरण | गरियाबंद |
बैगा विकास अभिकरण | कबीरधाम |
पहाड़ी कोरवा विकास अभिकरण | अम्बिकापुर |
पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर विकास अभिकरण | जशपुर |
बैगा एवं बिरहोर विकास अभिकरण | बिलासपुर |
कमार विकास प्रकोष्ठ | नगरी |
कोरवा एवं विकास प्रकोष्ठ | कोरबा |
अबुझमाड़िया विकास अभिकरण | नारायणपुर |
कमार विकास प्रकोष्ठ | महासमुंद |
कमार विकास प्रकोष्ठ | भानूप्रतापपुर |
बैगा विकास प्रकोष्ठ | कोरिया |
बैगा विकास प्रकोष्ठ | राजनांदगाओं |
बैगा विकास प्रकोष्ठ | मुंगेली |
बैगा एवं बिरहोर विकास प्रकोष्ट | धरमजयगढ़ |
पहाड़ी कोरवा प्रकोष्ठ | बलरामपुर |
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भुंजिया एवं पंडो जनजाति को भी विशेष पिछड़ी जनजाति में शामिल किया गया है ।
अधिकरण | स्थान |
पण्डो विकास अधिकरण | अम्बिकापुर |
भुंजिया विकास अधिकरण | रायपुर |
श्रोत- समग्र छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़(जनजाति की विशेषता) |
सबसे बड़ी जनजाति | गोंड |
सबसे पिछड़ी जनजाति | अबुझमाड़िया |
सबसे विकसित जनजाति | हल्बा |
सबसे साक्षर जनजाति | उंराव |
सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जनजाति | मुड़िया |