छत्तीसगढ़ की लोकगाथा GK 2021
- पंडवानी महाभारत के पांडवों की कथा का छत्तीसगढ़ी लोक गायक तंबूरा लेकर गाता है । साथ ही साथ अभिनय भी करता है । गायक के साथ साथ कलाकार भी होते है । गीत के बीच बीच में रागी हुंकारी भरता है ।
- लोरिक चंदा या चंदैनी लोरिक और चंदा का प्रेम क्षेत्रीय विशिष्टता के साथ गाय जाता है ।इसे छत्तीसगढ़ में चंदैनी गायन कहा जाता है । बीच बीच मे विदूषक जलती मशाल के साथ अपनी प्रस्तुति देता है । चंदैनी नृत्य में टिमकी तथा ढोलक की संगत की जाती है । चिंता दास प्रमुख गायक
- ढोलामारू यह मूलतः राजस्थान की लोक गाथा है परंतु यह संपूर्ण उत्तर भारत में प्रचलित है । इसमें ढोला और मारू की प्रर्म कथा को ग्रामीण यंत्र तंत्र की रहस्यात्मकता के साथ लोक शैली में गाते हैं । यह प्रेम गीत के रूप में गाया जाता है । छत्तीसगढ़ की ढोला मारू कथा में मारू का वर्णन अधिक होता है । सुरुज बाई खांडे भाई एवं जगन्नाथ कुम्हार प्रमुख कलाकार है ।
- फुलकुंवर की गाथा वीरांगना फुलकुंवर का मुसलमानों से किये गए युद्ध का चित्रण ।
- भरथरी राजा भरथरी एवं रानी पिंगला की कथा । भरथरी का गायन प्रायः नागपंथी करते है । सारंगी या इकतारे पर पर भरथरी गाते योगियों को अक्सर देखा जाता है । स्व. सूरज बाई खांडे इस विधा की शीर्ष गायिका है ।
- फुलवासन की गाथा सीता माता द्वारा लक्ष्मण के फुलबासन नमक फूल लाने के अनुभव पर आधारित
- कल्याण साय की गाथा कल्याण साय के वीर भट्ट गोपाल राय का शौर्य वर्णित है । गोपल्ला गीत में भी यही कथानक है
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