मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना कब लागू हुआ – 1 जून, 2021
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य क्या है ?
प्रारंभ / लागू – 1 जून, 2021 [CGPSC (MAAMO) 2022]
उद्देश्य –
- निजी क्षेत्र के कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती, गैर – इमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक / औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देना ।
- पर्यावरण में सुधार लाकर जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों को कम करना तथा कृषकों की आय में वृक्षारोपण के माध्यम से वृद्धि करते हुये उनके आर्थिक-सामाजिक स्तर में सुधार लाना है।
- निजी भूमि पर रोपित तथा पूर्व से खड़े वृक्षों के पातन तथा काष्ठ के परिवहन नियमों को सुगम बनाया जाकर, नागरिकों को निजी भूमि पर रोपण हेतु आकर्षित करना ।
- निजी तथा सामुदायिक भूमि पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर काष्ठ का उत्पादन बढ़ाना और काष्ठ के आयात में उत्तरोत्तर कमी लाना है।
- वनों में उपलब्ध काष्ठ पर जैविक दबाव को कम करते हुये वनों को सुरक्षित रखना, वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर बाढ़, अनावृष्टि आदि को नियंत्रित करना तथा भूमि के जलस्तर को उपर उठाना है।
- काष्ठ उद्योग के क्षेत्र में लकड़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करना है।
पात्रता
- छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार ।
- सभी ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां ।
प्रावधान
किसान इस योजनांतर्गत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है, यदि वे धान के बदले अपने खेतो में वृक्षारोपण अपने करते हैं तो उन्हें आगामी तीन वर्षो तक 10,000 रु. प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
ग्राम पंचायत ग्राम पंचायतें यदि अपने पास भूमि एवं राशि से वाणिज्यिक वृक्षारोपण करती है, तो एक वर्ष सफल वृक्षारोपण बाद की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से 10,000 रू. प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायगी वृक्षों में पंचायत की आय में वृद्धि हो सके में पंचायतों की आय में वृद्धि हो सकेगी।
• संयुक्त वन प्रबंधन समिति संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर वृक्ष रोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद 10,000 रू. प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वृक्षों को काटने व विक्रय का अधिकार संबंधित समिति का होगा।
■ योजना का क्रियान्वयन- विगत वर्ष के वृक्षारोपण का अप्रैल माह में निरीक्षण करने पर यदि 80 प्रतिशत रोपित पौध जीवित पौधे पाय जाते हैं तो इस वृक्षारोपण को सफल मानकर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि वनमण्डलाधिकारी द्वारा डी.बी.टी. के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
■ विशेष – वर्तमान में देश में प्रतिवर्ष लगभग 45000 करोड़ रूपए की लकड़ी का आयात किया जाता है। निकट भविष्य में रायज के लकडिया के औद्योगिक उत्पादन एवं निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।