Skip to content
चालुक्य / राष्ट्रकूट / पल्लवों / पांड्य / यादव / चोल / होयसल
- चालुक्य वंश का सबसे प्रतापी राजा कौन था- पुलिकेशन।
- कौन-सा शहर चोल राजाओं की राजधानी था- तंजौर
- . श्रीलंका पर विजय प्राप्त करने वाला प्रसिद्ध राजा कौन था— राजेंद्र
- तंजौर में स्थित राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण किसने कराया- राजराजा प्रथम
- किस राष्ट्रकूट शासक ने पहाड़ी काटकर एलौरा के विश्वविख्यात कैलाश नाथ मंदिर का निर्माण कराया- कृष्ण प्रथम ने
- राष्ट्रकूट साम्राज्य का संस्थापक कौन था— दंतिदुर्ग
- किस राजवंश ने श्रीलंका व दक्षिण पूर्व एशिया को जीता- चोल वंश
- विरुपाक्ष मंदिर का निर्माण किसने कराया- चालुक्य
- पल्लवों का एकाश्मीय रथ कौन-सी जगह मिला- महाबलिपुरम्
- होयसल की राजधानी कहाँ थी- द्वारसमुद्र
- यादव सम्राटों की राजधानी कहाँ थी- देवगिरि
- . किस शासक ने अरब सागर में भारतीय नौसेना की सर्वोच्चता स्थापित की- राजराजा प्रथम
- पांड्य साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी- मदुरै
- ऐहोल का लाढखाँ मंदिर किस देवता का है- सूर्य देवता
- माम्मलपुरम् किसका समानार्थी है- महाबलिपुरम्
- किस वंश के शासक के पास एक शक्तिशाली नौसेना थी- चोलवंश
- भगवान नटराज का प्रसिद्ध मंदिर कहाँ स्थित है- चिदंबरम
- राष्ट्रकूटों का पतन किसने किया- तैलप॥
- प्रशासन के क्षेत्र में चोल वंश की मुख्य देन क्या थी- सुसंगठित स्थानीय स्वशासन
- तीन मुख वाली ब्रह्मा, विष्णु व महेश की मूर्ति कहाँ स्थित है- ऐलीफेंट गुफा में
- ‘महाभारत का भारत वेणता’ के नाम से किसने तमिल भाषा में अनुवाद किया- पेरुंदेवनार ने
- राजेंद्र चोल द्वारा बंगाल अभियान के समय बंगाल का शासक कौन था- महिपाल।.
- ‘चालुक्य विक्रम संवत्’ का शुभारंभ किसने किया- विक्रमादित्य ने
- पल्लवों की राजभाषा क्या थी- संस्कृत
- 12वीं सदी के राष्ट्रकूट वंश के पाँचशिला लेख किस राज्य में मिले – कर्नाटक
- कौन-से राजवंश के शासक अपने शासन काल में उत्तराधिकारी नियुक्त कर देते थे- चोल वंश
- दक्षिणी भारत का तक्कोलम का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ -चोल वंश व राष्ट्रकूटों के मध्य
- द्रविड़ शैली के मंदिरों में गोपुरम का क्या अर्थ है- तीरण के ऊपर बने अलंकृत एवं बहुमंजिला भवन
- . चोलों को राज्य कहाँ तक फैला था- कोरोमंडल तट व दक्कन के कुछ भाग तक
- चोल शासकों के समय बनी प्रतिमाओं में सबसे विख्यात कौन-सी प्रतिमा थी- नटराज शिव की कांस्य प्रतिमा
- चोल युग किसके लिए प्रसिद्ध था-ग्रामीण सभाओं के लिए
- किस राजवंश का काल कन्नड़ साहित्य की उत्पत्ति का काल माना जाता है राष्ट्रकूट
- होयसल स्मारक कहाँ है- मैसूर व बैंगालूरू में
- चोलों द्वारा किसके साथ घनिष्ठ राजनीति तथा वैवाहिक संबंध स्थापित किए गए- वेंगी के चालुक्य
- चोल काल में निर्मित नटराज की कांस्य प्रतिमाओं में देवाकृति कैसी थी- चतुर्भज
- चोल साम्राज्य का संस्थापक कौन था- विजयपाल
- रुद्रवा किस राजवंश की प्रसिद्ध महिला शासक थी- काकतीय राजवंश की
- राजराजा प्रथम का मूल नाम क्या था- अरिमोल वर्मन
- चोलयुग में कडिमै’ का अर्थ क्या था— भू-राजस्व/लगान
- तंजौर में स्थित राजराजेश्वर मंदिर किस देवता का है- शिव का
- चोल युग में किसने ‘हिरण्यगर्भ नामक त्यौहार का आयोजन किया- लोकमहादेवी ने
- चोल युग में सोने के सिक्के क्या कहलाते थे- कुलंजु
- चोल युग में युद्ध में विशेष पराक्रम दिखाने वाले योद्धा को कौन-सी उपाधि दी जाती थी- क्षत्रिय शिखमणि
- पुलकेशिन द्वितीय किसके समकालीन था- हर्षवर्धन
- काँची के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण किसने कराया- नरसिंह वर्मन॥
- होयसल वंश का अंतिम शासक कौन था- बल्लाल ||
- चोल राजाओं ने किस धर्म को संरक्षण प्रदान किया- शैवधर्म को
- ‘विचित्र चित्त’ की उपाधि किस पल्लव वंश के शासक ने धारण की- महेंद्र वर्मन॥
- चोलवंश का संस्थापक विजयपाल पहले किसका सामंत था-पल्लवों को
- ‘शृंगार्थ दीपिका की रचना किसने की— वेंकट माधव ने
- तेलप ॥ ने किस नदी में आत्महत्या की थी- तुंगभद्र नदी में