मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय कालिदास सम्मान
राष्ट्रीय कालिदास सम्मान मध्यप्रदेश शासन ने सृजनात्मक कलाओं में उत्कृष्टता और श्रेष्ठ उपलब्धि को सम्मानित करने और इन कलाओं में राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने की दृष्टि से कालिदास सम्मान के नाम से शास्त्रीय संगीत, रूपंकर कलाओं, रंगकर्म और शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में एक-एक लाख रुपये के चार वाषिर्क सम्मान स्थापित किए हैं। प्रारम्भ में यह सम्मान बारी-बारी से दिए जाते थे। वर्ष 1986-87 से उक्त चारों कला क्षेत्रों में अलग-अलग सम्मान दिये जाने लगे हैं।
कालिदास सम्मान का निष्कष असाधारण सृजनात्मकता, उत्कृष्टता और दीर्घ कला साधना के निरपवाद मानदण्ड रखे गए हैं। चयन की निश्चित प्रक्रिया से यह स्पष्ट है कि कला का एक राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने के इस विनढा प्रयत्न में सभी स्तरों पर विशेषज्ञों की हिस्सेदारी है और इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि जहाँ एक ओर कलात्मक उपलब्धियों के लिए एक व्यापक मत संग्रह सन्दर्भ के लिए उपलब्ध रहें, वहीं सम्मान से विभूषित किए जाने वाले कलाकार का चयन असंदिग्ध निष्ठा और विवेक वाले विशेषज्ञ पूरी निष्पक्षता और निर्भयता के साथ ऐसे मानदण्डों के आधार पर करें जो उत्तारदायी जीवन दृष्टि, गम्भीर कलानुशासन और सौन्दर्यबोध पर आश्रित हैं।
प्रक्रिया के अनुसार संस्कृति विभाग निर्धारित कलानुशासन में कलाकारों, विशेषज्ञों, रसिकों और संगठनों से अपने रचनात्मक वैशिष्ट्य ज्ञान और संसक्ति का लाभ लेते हुए सम्मान के लिए उपयुक्त कलाकारों के नामांकन करने का अनुरोध करता है। ये नामांकन संकलित करके विशेषज्ञों की चयन समिति के सामने अंतिम निर्णय के लिए रखे जाते हैं। चयन समिति का निर्णय शासन के लिए बंधनकारी होता है।
कालिदास सम्मान (शास्त्रीय संगीत) कालिदास सम्मान (शास्त्रीय नृत्य)