मध्य प्रदेश शिक्षा MP Education GK in Hindi
मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी Madhya Pradesh Objective Question Answer Click NOW
2011 की जनगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश की साक्षरता दर 70.60% थी, जिसमे पुरुष साक्षरता 80.5% और महिला साक्षरता 60.0% थी। वर्ष 2017 के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 114,418 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय, 3,851 उच्च विद्यालय और 4,765 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं।
मध्य प्रदेश में शिक्षा प्रश्नोत्तरी click now
राज्य में 400 इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर कॉलेजों, 250 प्रबंधन संस्थानों और 12 मेडिकल कॉलेज हैं। राज्य में भारत के कई प्रमुख शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान है जिनमे भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) इंदौर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(IIT) इंदौर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) भोपाल, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (IITTM) ग्वालियर, आईआईएफएम भोपाल, नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी भोपाल शामिल हैं राज्य में एक पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर) भी हैं जिसके तीन संस्थान जबलपुर, महू और रीवा में है। प्रदेश की पहली निजी विश्वविद्यालय “जेपी अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गुना” एनएच 3 पर खूबसूरत कैंपस के साथ बना हुआ हैं। जोकि एनआईआरएफ (NIRF) के शीर्ष 100 में 86 वें स्थान पर है।
यहाँ 500 डिग्री कॉलेज हैं, जोकि राज्य के ही विश्वविद्यालयों से सम्बंधित हैं। जिनमें निम्न शामिल है;
- जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जबलपुर)
- मध्यप्रदेश पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (भोपाल)
- मध्यप्रदेश चिकित्सा विश्वविद्यालय (भोपाल)
- मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय (भोपाल)
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (भोपाल)
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (रीवा)
- बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय (भोपाल)
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (इंदौर)
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (जबलपुर)
- विक्रम विश्वविद्यालय (उज्जैन)
- जीवाजी विश्वविद्यालय (ग्वालियर)
- डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय (सागर विश्वविद्यालय)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय(अमरकंटक, अनूपपुर)
- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (भोपाल)
वर्ष 1970 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्री-मेडिकल टेस्ट बोर्ड के लिये व्यावसायिक परीक्षा मंडल गठन किया गया। कुछ वर्ष के बाद 1981 में, प्री-इंजीनियरिंग बोर्ड का गठन किया गया था। फिर उसके बाद, वर्ष 1982 में इन बोर्डों दोनों को समामेलित कर मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (M.P.P.E.B.) जिसे व्यापम के रूप में भी जाना जाता है का गठन किया गया।