मध्यप्रदेश प्राचीन काल सामान्य ज्ञान MP Ancient History GK in Hindi

Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

मध्य प्रदेश का प्राचीन इतिहास (वैदिक काल – मौर्य काल)/MPGK/MPGK in hindi/MPPSC/MPSI/MP CONSTABLE

आर्यों के भारत आगमन के साथ भारतीय इतिहास में नया मोड़ आया। ऋ़ग्वेद में “दक्षिणापथ” और “रेवान्तर” शब्दों का प्रयोग किया गया। इतिहासकार बैवर के मत से आर्यों को नर्मदा और उसके प्रदेश की जानकारी थी। आर्य पंचनद प्रदेश (पंजाब) से अन्य प्रदेश में गए। महर्षि अगस्त के नेतृत्व में यादवों का एक कबीला इस क्षेत्र में आकर बस गया। इस तरह इस क्षेत्र का आर्यीकरण प्रारंभ हुआ। शतपथ ब्राहम्ण के अनुसार विश्वामित्र के 50 शापित पुत्र यहां आकर बसे। कालांतर में अत्रि, पाराशर, भारद्वाज, भार्गव आदि भी आए। 

मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी Madhya Pradesh Objective Question Answer Click NOW

लोकमान्य तिलक तथा स्वामी दयानंद ने भारत (तिब्बत) को ही आर्यों का मूल निवास स्थान बताया है। पौराणिक गाथाओं के अनुसार कारकोट नागवंशी शासक नर्मदा के काठे के शासक थे। मौनेय गंधर्वों से जब उनका संघर्ष हुआ तो अयोध्या के इक्ष्वाकु नरेश मांधाता ने अपने पुत्र पुरूकुत्स को नागों के सहायतार्थ भेजा। उसने गंधर्वों को पराजित किया। नागकुमारी नर्मदा का विवाह पुरूकुत्स से कर दिया गया। पुरूकुत्स ने रेवा का नाम नर्मदा कर दिया। 

इसी वंश के मुचकुंद ने रिक्ष और परिपात्र पर्वत मालाओं के बीच नर्मदा तट पर अपने पूर्वज नरेश मांधाता के नाम पर मांधाता नगरी (ओंकारेश्वर-मांधाता) बसाई। यादव वंश के हैहय शासकों के काल में इस क्षेत्र का वैभव काफी निखरा। हैहय राजा माहिष्मत ने नर्मदा किनारे माहिष्मति नगरी बसाई। उन्होंने इक्ष्वाकुओं और नागों को हराया। मध्यप्रदेश के अतिरिक्त उत्तर भारत के कई क्षत्र उनके अधीन थे। इनके पुत्र भद्रश्रेण्य ने पौरवों को पराजित किया। 

कार्तवीर्य अर्जुन इस वंश के प्रतापी सम्राट थे। उन्होंने कारकोट वंशी नागों, अयोध्या के पौरवराज, त्रिशंकु और लंकेश्वर रावण को हराया। कालांतर में गुर्जर देश के भार्गवों से संघर्ष में हैहयों की पराजय हुई। इनकी शाखओं ने तुंडीकेरे (दमोह), त्रिपुरी, दर्शाण (विदिशा), अनूप (निमाड़), अवंति आदि जनपदों की स्थापना की 

Leave a Comment