मध्यप्रदेश के प्रमुख व्यक्तित्व प्रश्नोत्तरी
MP GK Famous Personalities of Madhya Pradesh MCQ GK
चन्द्रगुप्त द्वितीय ( विक्रमआदित्य)
- उज्जैन 315-415 में उज्जैन में शाशक रहे।
- इनके नवरत्नों में धन्वन्तरि, क्षपनक, अमरसिंह, शंकु, घटखर्पर, कालिदास, बेतालभट्ट, वररुचि और वराहमिहिर उज्जैन में “नवरत्न” कहलाने वाले नौ ऐसे विद्वान थे।
वराहमिहर
- पांचवी शताब्दी में कायना (उज्जैन) जन्म
- सूर्य सिद्धांत, पंच्च सिद्धांतिका, वृहत्संहिता, लघु जातक आदि लिखे।
- वराहमिहिर उस युग के प्रमुख ज्योतिषी थे, जिन्होंने विक्रमादित्य की बेटे की मौत की भविष्यवाणी की थी।
कालिदास
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- कालिदास प्रसिद्ध संस्कृत राजकवि थे। वे मावलगण में ईसा पूर्व 56-57 के लगभग विक्रमादित्य के दरबार में थे।
- इनके तीन नाटक(रूपक): अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोर्वशीयम् और मालविकाग्निमित्रम्;
- दो महाकाव्य: रघुवंशम् और कुमारसंभवम्;
- और दो खण्डकाव्य: मेघदूतम् और ऋतुसंहार, प्रसिद्ध हैं
रानी दुर्गावती (5 अक्टूबर 1524 – 24 जून 1564)
- रानी दुर्गावती गोंड ने गड़ मंडला में शासन किया
- 24 जून 1564 को मुगल आसफ खान से युद्ध हुआ, इन्होंने आत्महत्या कर ली, बरेला(जबलपुर) में समाधि स्थित है।
- जबलपुर में स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय भी इन्ही रानी के नाम पर बना हुआ है।
रानी अवंतीबाई (1831-1858)
- 16 अगस्त 1831 को सिवनी में जन्म हुआ
- रामगढ़ में शाशन किया, वेलिंग्टन से युद्ध हुआ
- 20 मार्च 1858 को शहीद हुई। समाधि – देवहरगड़
रानी रूपमती
- मालवा के अंतिम सुल्तान बाजबहादुर से विवाह हुआ
- मांडू महल – रानी रूपमती का महल है
- बाजबहादुर का भी महल मांडू में ही है।
- सारंगपुर में समाधि स्थल है।
देवी अहिल्याबाई
- 1725 महाराष्ट्र में जन्म हुआ
- इंदौर में मल्हार राव के पुत्र खांदेव राव होल्कर से विवाह
- पुत्र को न्याय के लिए हाथी से कुचलवाया था
- 1797 में मृत्यु हुई थी।
- देवी अहिल्या बाई का स्मारक इंदौर में है
- धार्मिक लोक कार्यों के कारण लोक माता के नाम से विख्यात।
होशंगशाह (अल्पखान)
- मांडू में मकबरा स्थित है
- नर्मदापुर का नाम होशंगाबाद किया था।
तानसेन
- तन्ना मिश्रा या रमतनू पांडे का जन्म 1506 में बहोट (ग्वालियर) में हुआ।
- तानसेन का मकबरा ग्वालियर में स्तिथ है।
- इनके गुरु मोहम्मद गौस, और हरिदास रहे।
- बैजू बावरा ( बैजनाथ मिश्र) इनके गुरु भाई रहे।
- राजा रामचंद्र के दरबार ,अकबर के यहां संगीतज्ञ रहे।
उस्ताद अलाउद्दीन खां
- उस्ताद अलाउद्दीन खाँ (1862-6सितम्बर 1972) एक बहुप्रसिद्ध सरोद वादक थे साथ ही अन्य वाद्य यंत्रों को बजाने में भी पारंगत थे।
- इस अलाउद्दीन खां अकादमी भोपाल में है इसकी स्थापना वर्ष 1979 में की गई है।
उस्ताद हाफ़िज़ अली खां
- जन्म ग्वालियर में 1862 में हुआ था, प्रसिद्ध सरोद वादक रहे।
- उस्ताद हाफिज़ अली खाँ को कला के क्षेत्र में सन 1960 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
खाज्या नायक
- 1830 निमाड़ के गांव में जन्म
- भीमा नायक के साथ 1857 की क्रांति में भाग लिया
- कर्नल ऑट्रम ने खाज्या नायक को गिरफ्तार कर लिया और उनकी हत्या कर दी गई।
भीमा नायक
- 1840 में पंचमहोली गांव निमाड़ में जन्म हुआ
- मण्डलेश्वर के समीप नर्मदा तट पर 1857 की क्रांति के दौरान निमाड़ के क्रांतिकारी बड़वानी के भीमा नायक ने अपने डेढ़ सौ से अधिक साथियों के साथ मण्डलेश्वर के किले पर हमला कर अंग्रेज हुक्मरानों को भागने पर विवश कर दिया।
- करीब एक वर्ष बाद क्रांतिकारियो को गिरफ्तार कर फांसी बेड़ी पर फांसी देकर उन्हें पास के मगर डाब में फेंक दिया गया था।
- कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भीमा नायक की मृत्यु 29 दिसंबर 1876 को पोर्ट ब्लेयर में हुई। ● भीमा नायक का स्मारक धुआवा बढ़वानी में स्थित है।
टंट्या भील
- झिरन्या ( खरगोन) से टंट्या का विद्रोह शुरू हुआ
- अंग्रेजों एवम् अमीरों से लूटकर गरीबों की मदद करने के कारण इन्हें इंडियन रॉबिन हुड कहा जाता है।
- 19 अक्टूबर 1889 को फांसी की सजा जी गई।
- टंट्या भील स्मारक खंडवा के बड़ोदा में है।
चन्द्र शेखर आजाद
- हरिशंकर ब्रम्हचारी तिवारी का जन्म 23 जुलाई 1906 को भाबरा ( अलीराजपुर) में हुआ था।
- 1 अगस्त 1925 में काकोरी षड्यंत्र रचा
- इन्होंने 1927 में HSRA की स्थापना की थी।
- 27 फरवरी 1931 को अल्फ्रेड पार्क (प्रयागराज) में आत्महत्या कर ली थी।
ठाकुर रणमत सिंह
- जन्म 1825 सतना में हुआ
- रीवा रियासत में सरदार रहे
- 1857 की क्रांति में भाग लिया
- 1859 को आगरा में फांसी दी गई।
ठाकुर सरजू प्रसाद
- विजरघोगड़, जबलपुर में आंदोलन में भाग लिया
- 1864 में जेल हुई।
- मालवा के धार के पहले शाशक जिन्होंने कंपनी शाशन के अंत का आव्हान किया
- 1857 के विद्रोह में भाग लिया
- 1858 को इंदौर में फांसी दी गई। और भी …
. ● ठाकुर किशोर सिंह – हिंडोरिया दमोह
- लाल पद्मधर सिंह – सतना
- गुलाब सिंह – जबलपुर
मध्यप्रदेश के साहित्यिक व्यक्तित्व
कठिन काव्य का प्रेत ( केशव) : 1955 ओरछा
- प्रबन्ध: रामचन्द्रिका, वीरसिंह देव चरित
- मुक्तक: कवि प्रिया, रसिक प्रिया
- जहांगीर रस चंद्रिका, राम अलंकृत मंजरी पद्माकर : 1753 सागर
- जग विनोद, विरुदावली
- जयपुर, ग्वालियर में राजकवि भूषण: अज्ञात
- शिवा वावनी, छत्रसाल दशक