मध्यप्रदेश की नदियां प्रश्नोत्तरी click now
मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थल और उनके तथ्य
नर्मदा या रेवा (मध्यप्रदेश की गंगा)
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सम्पूर्ण मध्यप्रदेश वस्तुनिष्ठ सामान्य ज्ञान MP Gk Objective Question Answer Click Now
- नर्मदा नदी का उदगम स्थल अमरकंटक(अनूपुर) की मैकल श्रेणी से होता है।
- यह विंध्याचल और सतपुड़ा के बीच भ्रंश घाटी से बहती।
- इसकी कुल लंबाई 1312 किमी. है लेकिन मध्यप्रदेश की सीमा के अंदर 1077 किमी. है।
- इसे मध्यप्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है। इसे 2017 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक जीवित मानव के समान दर्जा दिया है।
- यह मध्यप्रदेश के अंदर कुल 15 जिलों से बहती हुई पश्चिम में अरब सागर में अश्चुरी बनाती हुई मिलती है।
- इसकी कुल 41 सहायक नदियां हैं
- दाई – कोलार,हथनी,हिरण, बर्ना जैसी कुल (19)
- बाईं – शेर, शक्कर, तवा, कावेरी, बंजर,दूधी(22)
- मेधा पाटकर जी ने नर्मदा बचाओ आंदोलन चलाया था।
- तवा नदी का उद्गम कालिभीत पहाड़ी (महादेव पर्वत, पचमढ़ी) से होता है।
ताप्ती नदी (तापी)
- तापी नदी का उद्गम मुल्ताई(बैतूल) की कालीसिंध पहाड़ी है।
- इसकी कुल लंबाई 725 किमी एवं मध्यप्रदेश के अंदर 333 किमी. है। और यह भी एस्चुरी बनाती हुई अरब सागर से मिलती है।
- इसे सूर्य पुत्री भी कहते हैं, तथा पूर्णा, गिरना, शिवा आदि तापी की सहायक नदियां है।
माही नदी
- माही नदी मेहद झील सरदार पूरा (धार) से निकलती है।
- माही नदी की कुल लंबाई 586 किमी. है।
- कर्क रेखा माही नदी को दो बार काटती है।
- माही नदी के क्षेत्र को छप्पन का मैदान भी कहते हैं।
- इसी नदी के त्रि वेणी संगम पर बेणेश्वर(डूंगरपुर) में आदिवासी कुंभ लगता है।
चंबल नदी ( चर्मावती)
- चंबल नदी जानापाव पहाड़ी, अम्बेडकर नगर से निकलती है।
- चंबल नदी कुल 965 किमी बेहती हुई इटावा (उप्र) यमुना में मिलती है।
- कालीसिंध, क्षिप्रा, सिंध, पार्वती, कुनो, बेतवा, बनास, आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
- इंदौर,रतलाम, धार,उज्जैन, नीमच, मंदसौर, श्योपुर, भिंड, मुरैना, राजस्थान में बहती है।
- चंबल नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर, कोटा बैराज आदि प्रमुख बांध स्थित है।
- चंबल नदी का भिंड मुरैना श्योपुर क्षेत्र अपरदन, एवं बीहड़ की समस्या से ग्रसित है।
बेतवा ( वेत्रावती)
- बेतवा नदी कुमरा गांव (रायसेन) से निकलती है।
- बेतवा नदी की कुल लंबाई 480 किमी. है।
- प्रदूषण के कारण इसे भी गंगा का नाम दिया है।
- बीना, धसान, जामनी, आदि बेतवा की सहायक नदियां हैं।
- यह भोपाल,टीकमगढ़,झांसी, निवाड़ी और जालौन से बहती है।
- देवगढ़ को बेतवा का आइस लैंड कहते हैं।
मोक्षदायिनी क्षिप्रा
- क्षिप्रा नदी का उद्गम बेणेश्वर कुंड काकरा बर्णी (इंदौर) है।
- प्रसिद्ध कुंभ मेला, क्षिप्रा नदी के तट पर ही लगता है।
- यह देवास, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर से बहती हुई चंबल में कोटा(राजस्थान) में मिल जाती है।
मध्यप्रदेश के प्रमुख जलप्रपात
मध्यप्रदेश की प्रमुख नदी परियोजनाएं
- बरगी परियोजना 90mW नर्मदा, जबलपुर
- रिहंड परियोजना रिहंड, पिपरी (मप्र – उप्र)
- इंदिरा सागर परियोजना 1000mW पुनासा (खंडवा) 2007 से
- ओंकारेश्वर 520mW नर्मदा, खंडवा
- महेश्वर 400mW नर्मदा, खरगोन
- राणा प्रताप सागर 172mW चंबल, चित्तौड़
- गांधी सागर 115mW चंबल, मंदसौर
- पेंच जल विद्युत केंद्र 107mW पेंच, छिंदवाड़ा
- बाण सागर जल विद्युत केंद्र 110mW सोन, सीधी (मप्र – उप्र – बिहार)
नदियों पर बसे नगर
नर्मदा
होशंगाबाद,जबलपुर,अनूपपुर,नरसिंहपुर, ओम्कारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, मंडला, पूनासा, नेमावर, हंडिया,निमाड़, झाबुआ, बड़वानी, धार आदि।
- बेतवा सांची, विदिशा, गुना, ओरछा आदि।
- पार्वती राजगढ़, साजापुर, अष्ठा, आदि।
- तवा पचमढ़ी
- क्षिप्रा उज्जैन
- चंबल अम्बेडकर नगर, रतलाम, मुरैना, श्योपुर आदि।
- कन्ह इंदौर
- सिंध शिवपुरी
- टोंस सतना
- वैन गंगा बालाघाट