पशुपालन को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार की योजनाएं

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  1. पशुपालन से तात्पर्य पशुधन को बढ़ाने और इनके चयनात्मक प्रजनन से है। यह एक प्रकार का पशु प्रबंधन तथा देखभाल है जिसमे  लाभ के लिये पशुओं के आनुवंशिक गुणों एवं व्यवहारों को विकसित किया जाता है। 
  2. बड़ी संख्या में किसान अपनी आजीविका के लिये पशुपालन पर निर्भर हैं। इससे ग्रामीण आबादी के लगभग 55 % लोगो को  आजीविका मिलती है। 
  3. आर्थिक सर्वेक्षण – 2021 के अनुसार सकल मूल्य वर्द्धन (निरंतर कीमतों पर) के संदर्भ में कुल कृषि और संबद्ध छेत्र में पशुधन योगदान 24.32 प्रतिशत (2014-15) से बढ़कर 28.63 प्रतिशत (2018-19) हो गया है। 
  4. भारत में विश्व का सबसे अधिक पशुधन है । 
  5. भारत में 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है। इस पशुधन जनगणना में वर्ष 2011 की जनगणना की तुलना में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है । 
  6. पशुपालन से बहुआयामी लाभ होता है । 
  7. उदाहरण के लिये डेयरी किसानों के विकास के साथ वर्ष 1970 में शुरू हुए ऑपरेशन फ्लड ने दूध उत्पादन और ग्रामीण आय  वृद्धि की तथा उपभोक्ताओं के लिए एक उचित मूल्य सुनिश्चित किया ।

pashupalan ko badhawa dene kendra sarkar ki yojana 

केन्द्र सरकार द्वारा निम्नलिखित योजनाएं / कार्यक्रम संचालित है 

  • 1. पशुपालन अवसंरचना कोष (जून 2020 ) – डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन और पशुचारा, बुनियादी 
  • ढांचा में निजी को बढ़ावा देना । 
  • 2. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम इस कार्यक्रम का उद्देश्य 500 मिलियन से अधिक पशुओं, जिनमें 
  • भैस भेड बकरी और सुअर शामिल है, का शत-प्रतिशत टीकाकरण करना है। 
  • 3. राष्ट्रीय गोकुल मिशन यह मिशन देश में वैज्ञानिक और समेकित तरीके से स्वदेशी गोवंश नस्लों के संरक्षण तथा सवर्धन हेतु प्रारंभ किया गया है। इसके अंतर्गत देशी गोवंश के दुग्ध उत्पादन को बढ़ाकर उन्हें किसानों हेतु और अधिक लाभदायक बनाना । 
  • 4. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (2014-15) – इस मिशन का उद्देश्य पशुधन उत्पाद प्रणालियों में मात्रात्मक और गुणात्मक सुनिश्चित करना तथा सभी हितधारकों की क्षमता में सुधार करना है। 
  • 5. राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम – इस कार्यक्रम के अंतर्गत मादा नस्लों में गर्भाधारण के नए तरीका का सुझाव दिया जाएगा। इसमें कुछ लैंगिक बीमारियों के प्रसार को रोकना भी शामिल है, ताकि नस्ल की दक्षता में वृद्धि की जा सके |
  • 6. राष्ट्रीय बोवाईन उत्पादकता मिशन (2016) – इस कार्यक्रम के तहत देश में पहली 8.8 करोड़ दुधारू पशुओ को नकुल सुवास्थ्य स्वास्थ्य पत्र एवं पशु यू.आई.डी. जारी किए जाएंगे, जिससे उनके स्वास्थ्य एवं उत्पादकता की पूर्ण निगरानी उपचार हो सकेगा।

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