रायपुर षडयंत्र केस : 1942 ई०
रायपुर के कुछ युवक भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद आदि के क्रांतिकारी तरीकों में विश्वास रखते थे और वे उनके पद-चिह्नों पर चलते हुए कोई सनसनीखेज घटना करने को उतारू थे। इस संदर्भ में रायपुर के अवधियापारा निवासी परसराम सोनी का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। वे रायपुर षडयंत्र केस के नायक थे।
परसराम ने गिरिलाल लौहार से पिस्तौल, रिवाल्वर निर्मित करने एवं चलाने की कला सीखी। परसराम को बम विस्फोटक सामग्री, कारतूस, देशी बंदूक आदि के निर्माण में कई लोगों की सहायता प्राप्त हुई। उन्हें बंगाल नागपुर रेलवे के ट्राली निर्माता अमृतलाल से औजार, लोहे के सामान एवं तकनीकी सहायता, सी०पी० मेडिकल स्टोर्स के सहायक सेल्समैन होरीलाल से जरूरी रसायनिक एसिड, फास्फोरस तथा रायपुर के बड़े व्यापारियों व मिल मालिकों से आर्थिक सहायता मिली।
परसराम सोनी एवं उनके सहयोगियों द्वारा हथियारों के निर्माण एवं रख-रखाव की व्यवस्था के लिए ईदगाहभाटा एवं रावणभाटा (रायपुर) क्षेत्र को चुना। एक बार अकस्मात् ईदागाहभाटा बम विस्फोट के कारण तत्कालीन राजकुमार कॉलेज के प्रिन्सिपल पीयर्स द्वारा की गई रिपोर्ट के आधार पर पुलिस हरकत में आ गई थी। तब मालवीय रोड में उस समय स्थित ओरिएण्टल होटल के मालिक ने उन्हें इन खतरनाक कार्यों के लिए जगह प्रदान की।
नए जिलों के गठन के बाद राज्य में अब 32 जिले होंगे।
यह होटल इस समय संगठन का गप्त कार्यालय बन गया। रणवीर सिंह शास्त्री, सुधीर मुखर्जी, दशरथ लाल चौबे, निखिल भूषण सूर, प्रेमचंद वासनिक, क्रांति कुमार भारतीय, बिहारी चौबे आदि इस संगठन से जुड़े हुए थे। इन क्रांतिकारियों में से एक शिवनंदन पुलिस का मुखबिर बन गया। 14 जुलाई, 1942 ई० को निर्मित एक योजना के तहत अगले दिन परसराम सोनी रिवाल्वर एवं कारतूस लेने जाने वाले थे। शिवनंदन (मुखबिर) के इशारे पर पुलिस ने 15 जुलाई, 1942 ई० को परसराम सोनी को सदर बाजार एवं एडवर्ड रोड को जोड़ने वाली सड़क पर गिरफ्तार कर लिया । उसके पास से रिवाल्वर एवं कारतूस बरामद हुए।
परसराम सोनी के घर की तलाशी ली गई और वहाँ पुलिस को कई आपत्तिजनक सामग्री मिली। अन्य क्रांतिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया और उनके घरों की तलाशी ली गई।
पी० भादुड़ी, बेनी प्रसाद तिवारी, अहमद अली, चन्दोरकर पेंढारकर, हर्षद अली, चुनीलाल अग्रवाल आदि प्रसिद्ध अधिवक्ताओं ने अदालत में इन क्रांतिकारियों की पैरवी की। 9 मास की लंबी प्रक्रिया के बाद 27 अप्रैल, 1943 ई० को शस्त्र अधिनियम (Arms Act) के तहत् गिरफ्तारी में 10 लोगों को सजाएं दी गई : गिरिलाल लौहार-8 वर्ष की सख्त कैद, परसराम सोनी–7 वर्ष की सख्त कैद, सुधीर मुखर्जी 2 वर्ष की सख्त कैद, कांति कुमार भारतीय-2 वर्ष की सख्त कैद तथा 6 अन्य- हल्की सजाएं।
जिला एवं सत्र न्यायालय रायपुर के इस निर्णय के खिलाफ तत्कालीन नागपूर उच्च न्यायालय में अपील की गई। यहाँ न्यायमूर्ति ने 10 में से 4 अभियुक्तों को छोड़ दिया। इस बीच सरदार भगत सिंह के मित्र जयदेव कपूर का मई, 1946 में रायपुर आगमन हुआ। उनके अभिनंदन में गांधी चौक में एक आम सभा आयोजित हुई, जिसमें जनता द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर परसराम सोनी, गिरिलाल लौहार आदि को मुक्त कर देने का आग्रह किया गया।
इस प्रस्ताव के अनुरूप उच्च न्यायालय से रिहा किए गए क्रांति कुमार भारतीय एवं सुधीर मुखर्जी जनता का पक्ष शासन के समक्ष रखने राजधानी नागपुर गए। प्रधानमंत्री (मुख्यमंत्री) पं० रवि शंकर शुक्ल ने तत्काल उनका आग्रह स्वीकार करते हुए इन राजबंदियों को रिहा करने का आदेश दिया। इस प्रकार, 26 जून, 1946 को परसराम सोनी और गिरिलाल लौहार रिहा कर दिए गए।
nice
Please dashrathlal dubey likha hai wo dashrathlal choubey hai kripya is galti ko jaldse jald sudharne ki kripa kare, I have documents for proof
Thanks for information of great आंदोलन in Chattisgarh
His greatgrandson VIPUL
Address-bajrangpur, nawagaon ward no. 1 near transformer
Tq
नमस्ते महोदय, मेरा नाम अनुप सिंह छत्तीसगढ़ से। संस्थापक -द रीवॉल्यूशनरी F5-फॉर द लव ऑफ़ नेशन इस संगठन के तहत हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर दस्तावेजी संकलन का कार्य करते है, अग्र आप हमें जानकारि दे पाये तो हम किताब के माध्यम से उनकी पूरी जीवनी को नई पीढ़ी तक पंहुचा सकते है।
6268443405 मेरा नंबर
नाम में गलती है
रणवीर सिंह शास्त्री के जगह रण सिंह लिखा है ।
विपिन बिहारी सूर के जगह बिहारी लाल लिखा है ।
निखिल भूषण सूर भी इस केस में थे ।
सुधारकिया गया है tq
Late shri Parasram Soni was my MAMA.He was real hero of Chattishgarh. May God keep the soul in peace.
नमस्ते महोदय, मैं अनुप सिंह छत्तीसगढ़ से, संस्थापक द रीवॉल्यूशनरी F5-फॉर द लव ऑफ़ नेशन, इस संगठन क़े तहत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना सरवस्व न्योछावर करने वाले वीरो पर दस्तावेज संकलन का कार्य करते है जिससे लोग उनके बारे में जान पाये अग्र आप उनके सम्बन्धी है तो मुझे 6268443405 पर फ़ोन करे, ताकि क्रांतिकारी परसराम सोनी जी पर उनके सत्य क्रांतिकारी जीवन पर किताब छाप सके।
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