लोकनृत्य : लोकनृत्य में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक अंचल की अपनी विशिष्ट पहचान है। समृद्ध विरासत की विविधता को संजोए हुए थे आंगिक कलारूप उत्तर प्रदेश संस्कृति के प्रमुख वाहक है।
ख्याल नृत्य :-। ख्याल नृत्य पुत्र के जन्मोत्सव पर बुंदेलखंड में किया जाता है।
रास नृत्य :- रास नृत्य ब्रज में रासलीला के दौरान किया जाता है। रा
सक दण्ड नृत्य भी इसी नृत्य का एक आकर्षक नृत्य है।
झूला नृत्य :- झूला नृत्य भी ब्रजक्षेत्र का नृत्य है। जिसका आयोजन श्रावण मास में किया जाता है।
मयूर नृत्य :- मयूर नृत्य भी ब्रज क्षेत्र का ही नृत्य है। इसमें नर्तक मोर के पंख से बने विशेष वस्त्र धारण करते हैं।
चरकुला नृत्य : चरकुला नृत्य ब्रज क्षेत्र वासियों के द्वारा किया जाता है। इस घड़ा नृत्य में बैलगाड़ी अथवा रथ के पहिए पर कई घड़े रखे जाते हैं फिर उन्हें सिर पर रखकर नृत्य किया जाता है।
जोगिनी नृत्य :- जोगिनी नृत्य विशेषकर रामनवमी के अवसर पर किया जाता है। इसके अंतर्गत साधु या कोई अन्य पुरुष महिला का रूप धारण करके नृत्य करते हैं।
पाई डंडा नृत्य :- पाई डंडा नृत्य गुजरात के डांडिया नृत्य के समान हैं जो बुंदेलखंड के यादवों द्वारा किया जाता है।